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दुनिया भर की महिलाओं के अधिकारों और उपलब्धियों के सम्मान के रूप में मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : गीतावली सिन्हा

महिलाओं के हौसलों को बुलंद करने और समाज में फैले असमानता को दूर करने के लिए अंतराष्ट्रीय महिला दिवस का काफी महत्व : प्रीति सिन्हा

बिहार राज्य संवाददाता बीरेंद्र कुमार की रिपोर्ट 

पटना, 08 मार्च क्रियेशन आर्ट एंड क्राफ्ट इंस्टीच्यूट फाउंडर और डायरेक्टर गीतावली सिन्हा ने कहा, विश्वभर में हर साल 08 मार्च को महिला दिवस के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन को दुनिया भर की महिलाओं के अधिकारों और उपलब्धियों के सम्मान के रूप में याद किया जाता है।महिलाओं को पुरुषों के बराबर सम्मान देने और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना इस दिन को मनाने का मकसद है।

महिलाओं के हौसलों को बुलंद करने और समाज में फैले असमानता को दूर करने के लिए इस दिन का काफी महत्व है।महिलाएं दुनिया की आधी आबादी का हिस्‍सा हैं. वे किसी भी मामले में पुरुषों से कम नहीं हैं. समाज की प्रगति में जितना बड़ा योगदान पुरुषों का है, उतना ही महिलाओं का भी है, लेकिन फिर भी तमाम जगहों पर आज भी महिलाओं को पुरुषों के समान अवसर और सम्मान नहीं मिल पाता।

  क्रियेशन आर्ट एंड क्राफ्ट इंस्टीच्यूट की महासचिव प्रीति सिन्हा ने बताया,08 मार्च का यह खास दिन महिलाओं को समान हक सम्मान को लेकर जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है। इस अवसर पर तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। राजनीति से लेकर साइंस, कला, संस्कृति और भी कई दूसरे क्षेत्रों में अपना योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित किया जाता है।

आज भी बराबरी के हक के लिए उन्‍हें कई मोर्चों पर लड़ना पड़ता है।महिलाओं की हिस्सेदारी को बढ़ावा देने और उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के मकसद से हर साल 8 मार्च को अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।इस दिन को महिलाओं की आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, सामाजिक तमाम उपलब्धियों के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। साथ ही उन्हें यह ऐहसास कराया जाता है कि वह हमारे लिए कितनी खास हैं।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं को समर्पित है। इसके अलावा इन दिन का मकसद महिलाओं के अधिकारों को लेकर जागरूकता फैलाना भी है जिससे उन्हें उनका हक मिल सके और वह पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकें।

    वर्ष 1908 में अमेरिका में एक मजदूर आंदोलन हुआ, जिसमें करीब 15 हजार महिलाएं भी शामिल हुई। न्यूयॉर्क की सड़कों पर उतरीं इन कामकाजी महिलाओं की मांग थी कि उनके नौकरी के घंटे कम करके वेतन में बढ़ोतरी की जाए।

साथ ही उन्हें मतदान का अधिकार भी दिया जाए। लगभग एक साल बाद साल 1909 में अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने महिला दिवस मनाने का एलान किया। बाद में 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मान्यता दे दी।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए हर साल एक अलग थीम रखी जाती है।साल 2023 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम ‘एम्ब्रेस इक्विटी’ रखी गई, जिसकी अर्थ ‘लैंगिक समानता पर ध्यान देना’ था। इस साल महिला दिवस एक ऐसी दुनिया,जहां हर किसी को बराबर का हक और सम्मान मिले) थीम के साथ मनाया जाएगा।

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