Sunday 27/ 10/ 2024 

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18 में से 16 लाख किताबें ही आयीं, स्कूलों में पहुंचने के लिए हो रहा इंतजार

जनपद में कुल 18 लाख पुस्तकों की आवश्यकता है अब तक विभाग को लगभग 16 लाख पुस्तक उपलब्ध हो चुकी हैं, लेकिन अभी नए सत्र की पुस्तकों का वितरण शुरू नहीं हो पाया है।

 

 

नए सत्र के शुरू होने के बाद लापरवाही

चार दिन बाद भी बच्चों को नहीं मिल पाई हैं किताबें

सत्यापन के अभाव में लटका है वितरण का काम

चंदौली जिले में परिषदीय विद्यालय के लिए आने वाली कुल 18 लाख किताबों में से 16 लाख किताबें जिला पुस्तक केंद्र पर पहुंच चुकी है। जिससे पुस्तक केंद्र भर चुका है। अब इनको ब्लॉकों में भेजने की कवायद हो रही है, ताकि इनका वितरण हो सके।
आपको बता दें कि किताबें अन्य जगहों पर रखी जा रही हैं, लेकिन सत्यापन न होने की वजह से यह स्कूल में नहीं पहुंच पाई हैं। ऐसे में सत्र शुरू होने के चार दिन बाद भी बच्चे बिना नए सत्र के किताबों के ही पढ़ाई करने पर मजबूर हैं।
जनपद में कुल 1185 विद्यालय संचालित होते हैं। इसमें कुल डाई लाख से अधिक बच्चे पठन-पाठन का कार्य करते हैं। जनपद में कुल 18 लाख पुस्तकों की आवश्यकता है अब तक विभाग को लगभग 16 लाख पुस्तक उपलब्ध हो चुकी हैं, लेकिन अभी नए सत्र की पुस्तकों का वितरण शुरू नहीं हो पाया है। जिला पुस्तक केंद्र पूरी तरह से भर चुका है।

प्राइवेट गोदाम भी बनाए गए

पुस्तकों के भंडारण के लिए प्राइवेट गोदाम बनाए गए। जनपद को शासन की ओर से 18 लाख के सापेक्ष 16 लाख पुस्तक प्राप्त हो चुकी है, लेकिन अभी तक सत्यापन नहीं हुआ है। विभागीय अधिकारियों को माने तो अभी तक सत्यापन न होने के कारण पुस्तकों की वितरण अभी नए सत्र का नहीं हो पाया है। जल्द ही पुस्तकों का सत्यापन कराकर खंड विकास कार्यालय के साथ न्याय पंचायत स्तर पुस्तकों को भेजा जाएगा। तभी बच्चों के हाथों में नई किताब मिल पाएंगे। इसका प्रयास किया जा रहा है। सभी पुस्तके मिल चुकी हैं, लेकिन अभी कार्य पुस्तिका आनी बाकी है।

16 लाख पुस्तकें आ चुकीं

इस संबंध में जिला पुस्तक केंद्र प्रभारी महेंद्र प्रसाद ने बताया कि कुल 18 लाख पुस्तकों का आवश्यकता है लेकिन 16 लाख पुस्तकें आ चुकीं हैं। सत्यापन होने के कारण पुस्तकों के वितरण में देर हो रही है। सत्यापन होने के बाद पुस्तकों को खंड विकास कार्यालय न्याय पंचायत स्तर पर भेज दिया जाएगा, ताकि पुस्तकों का वितरण समय से किया जा सके।

 

चंदौली ब्यूरो चीफ – नितेश सिंह यादव की रिपोर्ट

 

 

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