Friday 14/ 02/ 2025 

Dainik Live News24
नोखा बाजार समिति के खेल मैदान में तीन दिवसीय हॉकी टूर्नामेंट मौच का हुआ आयोजनजयंती: जाति-पाति को भूल आत्मज्ञान का मार्ग दिखाने वाले महान संत थे गुरु रविदास: – महामंत्रीसमाज में व्याप्त कूरीतियों को दूर करने में संत शिरोमणि रविदास जी का था महत्वपूर्ण योगदान: विधायकइनरवा से 147 बोतल प्रतिबंधित कफ सिरप की बोतलें के साथ दो गिरफ्तार, दवा दुकानों पर भी हुई छापेमारीबजाज पल्सर की सिंगल सीट एन160 हुई लांच, जानिए इसकी खासियतकरपी प्रखंड में अनिश्चितकालीन भूख हड़तालतीर्थ दर्शन और नदी स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो पानी में गंगाजल मिलाकर करें स्नान: – आचार्य पंडित उमेश पाठकऔरंगाबाद में प्रगति यात्रा ऐतिहासिक, हजारों करोड़ रुपया के योजना का हुआ उद्घाटन/शिलान्यास: प्रमोद सिंह चंद्रवंशीसड़क सुरक्षा समिति की सिफारिश, सरकारी कर्मचारियों के लिए आया अध्यक्ष का आया फरमानभारत सनातन विचारधारा की एकात्म मानववाद के रचयिता थें पंडित दीनदयाल: डॉ. मनीष
देशपटनाबिहारराज्य

सीतामढ़ी की बेटी श्वेता सुमन ने बीपीएससी की 68वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में पहले प्रयास में ही158 रैंक प्राप्त कर अपने जिला का मान बढ़ाया

बिहार राज्य संवाददाता बीरेंद्र कुमार की रिपोर्ट

पटना. बीपीएससी ने 68 वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का अंतिम परिणाम जारी कर दिया है। परीक्षा में कुल 322 उम्मीदवार सफल हुए हैं। BPSC द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक,इस परीक्षा में पटना की प्रियांगी मेहता ने टॉप किया है, जिसे राजस्व अधिकारी का पद मिला है। वहीं मेरिट लिस्ट में अनुभव दूसरे, प्रेरणा सिंह तीसरे और अंजली जोशी चौथे स्थान पर रहीं।

वहीं दूसरी तरफ, सीतामढ़ी जिले के दादनचक निवासी और बिहार विधानसभा में असिस्टेंट के पद पर कार्यरत भगवान प्रसाद एवं पूनम कुमारी की पुत्री श्वेता सुमन ने बिहार लोक सेवा आयोग की 68 वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में परचम लहराया है। श्वेता ने पहले प्रयास में ही 158 रैंक प्राप्त कर अपने जिला सीतामढ़ी को मान बढ़ाया । श्वेता सुमन को सहायक आपदा प्रबंधक पदाधिकारी का पद प्राप्त हुआ हैं ।
श्वेता के इस सफलता से परिवार में हर्ष उल्लास है। वहीं दूसरी तरफ श्वेता को बधाई देने वालों का ताता लगा हुआ है.
श्वेता बचपन से मेधावी रही है और बचपन से ही उनका लक्ष्य प्रशासनिक सेवा में जाकर देश और राज्य की सेवा करना था.उन्होंने बताया कि सफर काफी लंबा था। स्कूल के दिनों से ही मैं पढ़ाई को लेकर काफी सीरियस थी और शुरू से ही दिमाग में था कि सिविल सर्विसेज में जाना है। कक्षा 10 वीं से ही मैं सिविल सर्विसेज की प्रतियोगी परीक्षा के बारे में पढ़ा करती थी। ये मेरा पहला पहला प्रयास था, जिसमें मैंने सफलता हासिल की।
जब श्वेता से उसकी सफलता का राज पूछा गया तब उन्होंने कहा कि निश्चित लक्ष्य निर्धारित कर लगन के साथ तैयारी करेंगे तो सफलता निश्चित मिलेगी।

Check Also
Close