19 को है भाई और बहनों के अटुट प्यार का त्यौहार रक्षाबंधन
सोनो जमुई संवाददाता चंद्रदेव बरनवाल की रिपोर्ट
सावन मास की पुर्णिमा तिथि को पड़ने वाली भाई ओर बहनों की अटुट प्यार के बंधनों का त्यौहार रक्षा बंधन सोमवार को पड़ने जा रही है ।
इस दिन बहनें अपने भाईयों की लंबी उम्र की कामना करते हुए आरती उतारकर उनकी कलाई पर रंगीन राखी बांधती हैं, बदले में भाई अपनी बहनों को उपहार भेंट करते हुए सदैव रक्षा करने का वचन देते हैं ।
भाई बहनों की इस अटुट प्यार के संबंधों का यह त्यौहार रक्षाबंधन प्यार , जिम्मेदारी ओर मजबूत बंधनों को दर्शाती है ।
रक्षा बंधन के इस पावन त्योहार को संयुक्त परिवारों के अलावा चचेरे ओर ममेरे तथा करीबी दोस्तों आदि के साथ भी मनाया जाता है ।
इस त्यौहार मे लोग उपहारों का आदान प्रदान करने के अलावा स्वादिष्ट मिठाईयों का भी आनंद लेते हुए अपार प्रेम के रिस्ते ओर महत्व की खुशी को दर्शाता है ।
इस पर्व मे बहनें अपने भाईयों की कलाई पर रक्षा सुत्र बांधकर लंबी उम्र की कामना करते हैं । रक्षाबंधन का इतिहास बहुत पुराना हे ओर इससे जुड़ी कई पौराणिक कथाएँ भी है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार परेशान होकर भगवान इंद्र ने अपने गुरु बृहस्पति से सलाह लेने गए , जिस पर गुरु बृहस्पति ने उन्हें पत्नी इंद्राणी से अपनी कलाई पर राखी बंधवाने को कहा ।
गुरु बृहस्पति के कहने पर इंद्राणी ने भगवान इंद्र की कलाई पर सभी नुकसानो से सुरक्षा के लिए पवित्र ताबीज बांध दिया ।
इसी प्रकार पौरानिक कथाओं के मुताबिक एक बार भगवान कृष्ण की उंगली उनके सुदर्शन चक्र से गलती से कट गई थी।
जिसे देखकर द्रोपदी ने भगवान इंद्र की अंगुली से बह रही खुन को रोकने के लिए अपनी साड़ी से एक टुकड़ा फाड़कर चोट पर बांध दिया था ।
भगवान कृष्ण ने उनके हाव भाव को देखकर बहुत प्रभावित हुए ओर उन्होंने हमेशा उनकी रक्षा करने का वादा किया । ओर तभी से यह रक्षाबंधन का पवित्र त्यौहार मनाया जाने लगा है ।
बाबा झुमराज स्थान बटिया के निकट स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के विद्वान पुजारी श्री मिथलेश पांडेय उर्फ कारु पांडेय ने बताया कि 18 अगस्त रविवार की रात 2 बजकर 21 मिनट से भद्रा नक्षत्र शुरू हो रही है।
जो अगले दिन 19 अगस्त सोमवार को दोपहर 1 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी । यह नक्षत्र भद्रा पाताल लोक की रहेगी ।
जिस कारण इस नक्षत्र भद्रा के रहने तक रक्षाबंधन मनाना अशुभ माना गया है । ऐसे में रक्षा सुत्र ( राखी ) बांधने का शुभ समय 19 अगस्त दोपहर 1 बजकर 24 मिनट के बाद हैं।
ज्ञात हो कि सोनो बाजार एवं बटिया बाजार के अलावा सभी चोक चौराहों पर रंग बिरंगी राखियों की दुकानें सजी हुई है , जहाँ पर बड़ी संख्या में बहनों द्वारा राखियों की खरिद्दारी की जा रही है ।