Saturday 18/ 01/ 2025 

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श्रीकृष्ण जन्म अष्टमी पर प० भा० द्वारा वृक्षारोपण

सोनो जमुई संवाददाता चंद्रदेव बरनवाल की रिपोर्ट 

भगवान श्रीकृष्ण जन्म अष्टमी के शुभ अवसर पर सोमवार को पर्यावरण भारती द्वारा फलदार वृक्ष आँवला , आम तथा औषधीय पौधे पथरचूर एवं पथरचट्टा , लेमन ग्रास ओर फूलों के 16 पौधों का वृक्षारोपण किया गया ।

पर्यावरण संरक्षण हेतु भारत के महामानव तथा देव मानव के जन्म दिवस पर पर्यावरण भारती द्वारा 2008 से ही वृक्षारोपण अभियान चलाया जा रहा है ।

भगवान श्रीकृष्ण जी के जन्म दिवस पर स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर वीणा सिंह ने पूजनीय वृक्ष आँवला का रोपण तथा वृक्ष वन्दना और आरती किये । उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण जी हमारे पूज्य आराध्य देव हैं ।

भगवान श्रीकृष्ण जी ने श्रीमद्भागवत गीता में बताया है कि कर्मण्येवाधिकारस्ते माफलेषुकदाचन , अर्थात संसार में मानव को सद्कर्म करते रहना चाहिए , फल की चिन्ता नहीं करना है ।

फल तो ईश्वर देंगे । पर्यावरण नारी शक्ति प्रांत टोली सदस्य तथा स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शालिनी सिंह ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण जी का जन्म मथुरा के कारागार जेल में हुआ ।

कंस मामा के आतंक के कारण जननी को छोड़कर वृन्दावन में माता यशोदा के पास बाल लीला किये । ऐसे देव मानव देवता के जन्म दिवस पर पौधारोपण स्मरणीय कार्य है ।

पर्यावरण भारती के संस्थापक राम बिलास शाण्डिल्य ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण जी का जन्म भाद्रपद कृष्ण पक्ष के अष्टमी तिथि 26 अगस्त को 3 हजार 228 ईसा पूर्व उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा में कंस के कारागार में हुआ था ।

उनकी जननी माता देवकी तथा पिता वसुदेव जी थे । श्रीकृष्ण जी के जन्म के समय उनके माता- पिता जेल में बंद थे । अतः श्रीकृष्ण जी का जन्म स्थान मथुरा का कारागार जेल है ।

भगवान श्रीकृष्ण माता पिता के 8 वें संतान थे । कंश के भय से वसुदेव जी ने श्रीकृष्ण जी को वृन्दावन निवासी नंदराज जी के घर रख आये ओर माता यशोदा की नन्ही पुत्री को लेकर वापस मथुरा आ गए ।

जब कंस बच्ची को धरती पर पटक कर मारने लगा तो वे देवी का रूप धारण कर कंस को सावधान किये । इधर भगवान श्रीकृष्ण केवल 11 वर्ष तक ही वृन्दावन में रहे ।

जब रुक्मिणी जी 16 वर्ष की थीं तब उनका विवाह श्रीकृष्ण जी से हुआ था । कंस वध के बाद गुजरात में द्वारिका शहर बसाये और वे द्वारिकाधीश कहलाये । उनका और नाम कन्हैया , श्याम , गोपाल , केशव , वासुदेव है ।

उन्होंने कौरव पाण्डव के महाभारत युद्ध में धर्म का साथ दिये । अतः उनका नाम अमर है । ऐसे देव मानव के जन्म दिवस श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर पौधारोपण अभियान महत्वपूर्ण कार्य है ।

पर्यावरण भारती के पौधारोपण अभियान में डॉक्टर वीणा सिंह , डॉक्टर शालिनी सिंह , राम बिलास शाण्डिल्य , रानी हेम्ब्रम , सोनी कुमारी , पवन कुमार तथा राजेश कुमार आदि लोगों ने भाग लिए ।

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