बिहार राज्य संवाददाता बीरेंद्र कुमार की रिपोर्ट
पटना: विनम्रता से बोलना, एक-दूसरे का सम्मान करना, अपनी गलतियों को स्वीकार करना और आभारी होना, अच्छे इंसान के ये चार मुख्य गुण होतें है | यह जीवन कौशल का प्रमुख हिस्सा है | शिक्षा और संस्कार ही जीवन जीने का मूल मंत्र है।
शिक्षा हमें कभी हारने नहीं देती और नैतिक मूल्य हमें कहीं भी गिरने नहीं देते। भले ही स्कूल और कॉलेज के वर्ष बीत जाते हैं, लेकिन वहां सीखे गए सबक जीवन भर हमारा मार्गदर्शन करते हैं।
यह मंतव्य आज भारत सरकार के विज्ञान ज्योति कार्यक्रम अंतर्गत चयनित देश भर की किशोरी बालिकाओं के लिए नवोदय विद्यालय समिति, हैदराबाद क्षेत्रीय कार्यालय एवं अपराजिता फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से आयोजित 18 दिवसीय वर्चुअल ग्रीष्मकालीन कार्यशाला के समापन सह पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान गण्यमान अतिथियों ने कही |
समापन समारोह के दौरान नवोदय विद्यालय समिति, हैदराबाद क्षेत्रीय कार्यालय के उपायुक्त श्री गोपाल कृष्णा, विज्ञान ज्योति कार्यक्रम के रास्ट्रीय समन्वयक श्री दृशा मोदी, अपराजिता फाउंडेशन के रास्ट्रीय पदाधिकायों श्री पद्मनाभन एवं श्रीमती रुनम कौशिक, क्षेत्रीय पदाधिकारियों श्रीमती कृष्णा पटेल, श्री दिनेश व्यास एवं श्री अवनीश रंजन लगातार जुड़े रहे |
उल्लेखनीय है कि अपराजिता फाउंडेशन द्वारा बच्चों में जीवन कौशल एवं सामाजिक कौशल के विकास हेतु प्रेरक ऑडियो-विडियो विकसित किए गए हैं |
बिहार सहित भारत के कई राज्यों के सरकारी विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों, केन्द्रीय विद्यालयों, बाल सुधार गृहों, बाल देख-भाल केन्द्रों तथा एन.जी.ओ. के माध्यम से संचालित शिक्षण-प्रशिक्षण केन्द्रों के बच्चों को जीवन कौशल एवं सामाजिक कौशल के विकास हेतु कार्य किया जा रहा है |
18 दिवसीय वर्चुअल ग्रीष्मकालीन कार्यशाला दिनांक 06 मई से प्रारंभ हुआ जिसमे बिहार सहित देश भर की लगभग 500 से ज्यादा मेधावी किशोरी बालिकाएं ज़ूम एवं यू टयूब लाइव लिंक से जुड़ कर जीवन कौशल विकास से सम्बंधित विभिन्न विषयों यथा समस्याओं का समाधान करने,
समय का प्रबंधन करने, सहयोगिता और टीम के साथ काम करने, संघर्षों का सामना करने, सफलता की दिशा में प्रगति करने, उचित निर्णय लेने, प्रभावी ढंग से संवाद करने, चुनौतियों से मुकाबला करने और आत्म-प्रबंधन कौशल आदि के गूढ़ सीखे |
प्रथम दिन उदघाटन सत्र के दौरान अपराजिता फाउंडेशन के चेयरमैन श्री भरत कृष्ण शंकर ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि जीवन कौशल एवं सामाजिक कौशल की शिक्षा सार्थक और सफल जीवन के मूल मन्त्र हैं।
इस लिए प्रत्येक बच्चे को अपनी पाठ्यक्रम आधारित शिक्षा के साथ-साथ जीवन कौशल एवं सामाजिक कौशल की शिक्षा भी प्राप्त करनी चाहिए |
कार्यशाला के समापन पर कार्यशाला में लगातार उपस्थिति, प्रश्नों के सही और जल्दी जबाब देने, सीखे गए जीवन कौशल पर लाइव प्रतिक्रिया देने पर पुरस्कार हेतु बालिकाओंके के नाम की घोषणा की गयी |
बिहार की 05 बालिकाओं का पुरस्कार के लिए नाम की घोषणा भी की गयी | बच्चों के पुरस्कार उनके विद्यालयों में भेजे जायेंगे |
18 दिवसीय कार्यशाला के सफल सञ्चालन में विज्ञानं ज्योति कार्यक्रम की पदाधिकारी श्रीमती समीहा, अपराजिता फाउंडेशन के श्री भारत भूषण, श्रीमती शिल्पा, श्रीमती मीरा, श्री राहुल प्रसाद, श्री दीपक, श्री शुभम कुमार, श्री सुधाकर राय सहित अन्य तकनीकी विशेषज्ञों का महत्वपूर्ण योगदान रहा |