
आदर्श नारित्व का प्रतीक व पति की दिर्घायु कामना को ले महिलाओं ने की बरगद की पुजा
जमुई सोनो संवाददाता चंद्रदेव बरनवाल की रिपोर्ट
आदर्श नारित्व का प्रतीक व्रत वट सावित्री पुजा को लेकर सोमवार को बड़ी संख्या में महिलाओं ने बरगद का पेड़ की पुजा अर्चना की ।
पति की दिर्घायु कामना एवं संतान की प्राप्ति के लिए भारतीय संस्कृति में यह व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना गया है ।
रंग बिरंगी परिधानों में सजी बड़ी संख्या में बरगद का पेड़ के नीचे पहुंची महिलाओं ने विधि पूर्वक पुजा अर्चना करने के पश्चात वृक्ष के चारों ओर परिक्रमा करते हुए रक्षा सुत्र बांधा ।
अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए की गई बरगद का पेड़ की पुजा हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को किया जाता है ।
पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन सावित्री ने वट वृक्ष की पुजा कर अपने पति सत्यवान का प्राण यमराज से वापस लिए थे ।
पंचमुखी हनुमान मंदिर के विद्वान पुजारी श्री मिथलेश पांडेय ने बताया कि इस व्रत को करने से पति की दिर्घायु के साथ साथ वैवाहिक जीवन में सुख समृद्धि आती है ।
ज्ञात हो कि सुहागिन महिलाओं ने बरगद के पेड़ के नीचे लाल वस्त्र , चुनरी , मौली धागा , रोली , हल्दी , अच्छत , सुपारी , फुल , बिल्वपत्र , दुध , दही , घीउ , शहद , शक्कर , फल , मिठाई आदि चढ़ाकर एवं सुत का धागा बांधकर , दीपक ओर अगरबत्ती जलाते हुए अपने पति पर आने वाले हर संकट को दूर करने ओर अपनी कृपा सदैव बनाए रखने की मिन्नतें मांगी ।




















