
भारत-नेपाल सीमा पर “नशा मुक्त भारत अभियान” का सफल आयोजन, जवानों और ग्रामीणों ने एकजुट होकर दिया नशे के खिलाफ संदेश
सीतामढ़ी 26 जून : सीतामढ़ी जिले के भिट्ठा थाना अंतर्गत भिट्ठामोर बॉर्डर पर 25 जून 2025 को भारत-नेपाल सीमा पर “नशा मुक्त भारत अभियान” के तहत एक भव्य और जागरूकता से परिपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का नेतृत्व नेपाली सेना के असिस्टेंट कमांडर गणेश कुमार तथा भारत के सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) के कमांडेंट सुमित कुमार ने संयुक्त रूप से किया। दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियों के इस समन्वित प्रयास ने सामाजिक चेतना और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया।
नशे के खिलाफ जनजागरण, ग्रामीणों को किया गया जागरूक
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सीमावर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराना और युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करना था। यह अभियान भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की एक दूरदर्शी पहल है, जिसका लक्ष्य है – देश को नशीली दवाओं के सेवन और उनकी अवैध तस्करी से मुक्त करना।
जागरूकता रैलियों से गूंजे गांव, युवाओं और महिलाओं की उल्लेखनीय भागीदारी
एसएसबी और स्थानीय पुलिस बल के जवानों द्वारा विभिन्न गांवों में जागरूकता रैलियां निकाली गईं। इन रैलियों में “नशा छोड़ो – जीवन अपनाओ”, “नशा मुक्त समाज – सुरक्षित भविष्य” जैसे प्रेरणादायक नारों से सजे बैनर और पोस्टरों के माध्यम से लोगों को संदेश दिया गया। इस अभियान की खास बात रही स्थानीय युवाओं, छात्रों और महिलाओं की उत्साहपूर्ण भागीदारी, जिन्होंने हाथों में तख्तियां लेकर गांव-गांव घूमकर नशे के खिलाफ जनमत तैयार किया।
सामुदायिक सभाओं में विशेषज्ञों ने बताया नशे का विनाशकारी प्रभाव


गांवों के सामुदायिक केंद्रों पर विशेष जनसभाओं का आयोजन किया गया, जिसमें चिकित्सकों, पुलिस अधिकारियों और समाजसेवियों ने लोगों को शराब, तंबाकू, गांजा, अफीम, हेरोइन और अन्य नशीले पदार्थों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया। इन सभाओं में नशे से जुड़ी कहानियां, आंकड़े और समाधान भी साझा किए गए, जिससे लोगों के भीतर चेतना और आत्मविश्लेषण की भावना जागृत हुई।
भारत-नेपाल की एकजुटता से मजबूत हुआ सीमावर्ती भाईचारा
इस अभियान में भारत और नेपाल की सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त सहभागिता ने न केवल सीमावर्ती सुरक्षा को और मजबूत किया, बल्कि दोनों देशों के सांस्कृतिक और सामाजिक रिश्तों में भी नई ऊर्जा का संचार किया। कार्यक्रम के अंत में दोनों देशों के अधिकारियों ने हाथ मिलाकर यह संकल्प लिया कि सीमावर्ती क्षेत्रों को नशामुक्त और सुरक्षित बनाने में हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
अधिकारियों ने दिए प्रेरणादायक संदेश
एसएसबी कमांडेंट सुमित कुमार ने कहा, “नशा सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं, पूरे समाज को खोखला करता है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम सभी मिलकर इस जहर को समाज से मिटाएं।”
वहीं नेपाली सेना के असिस्टेंट कमांडर गणेश कुमार ने कहा, “सीमा पर नशे की तस्करी को रोकने के लिए हम पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे हैं। ऐसे अभियानों से जनता को भी जोड़ना अत्यंत आवश्यक है।”
‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मिली मजबूती
यह कार्यक्रम न केवल नशा विरोधी संदेश का माध्यम बना, बल्कि ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को भी जीवंत करता दिखा। युवाओं में राष्ट्रभक्ति, सामाजिक जिम्मेदारी और स्वास्थ्य के प्रति सजगता जैसे सकारात्मक मूल्यों का संचार हुआ। यह आयोजन आने वाले समय में सीमावर्ती इलाकों में नशा मुक्त समाज निर्माण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।




















