रोहतास दावथ संवाददाता चारोधाम मिश्रा की रिपोर्ट
दावथ ( रोहतास)। बिक्रमगंज प्रखंड के खैरा भूधर में आयोजित रुद्र महायज्ञ सह श्री राम कथा के दौरान प्रसिद्ध राष्ट्रीय कथावाचक राजन जी महाराज ने श्री राम चरित मानस द्वारा मानवीय गुणों को परिलक्षित करना बताया।
उन्होंने कहा कि जीवन जीने की पद्धति विकसित करने के लिए मानस श्रवण एवं वाचन दोनों हमारे लिए आवश्यक है और इस वांग्मय पुस्तक का सार तत्व भी यही है।
सात दिवसीय राम कथा के माध्यम से श्रोता अपनी जीवन पद्धति को विकसित करे यही एक कथा वाचन का लक्ष्य होता है। इसके सुगम एवं सरल शब्दों से बने चौपाई लगभग प्रत्येक सनातनी को पढ़ते अथवा वाचन करते पाया जाता है।
शायद ही कोई ऐसा सनातनी हो जिसे रामचरितमानस की एक चौपाई या एक श्लोक याद ना हो। कथा के माध्यम से उन्होंने इसे प्रत्यक्ष रूप से सिद्ध भी किया।
“नही चाहिए दिल किसी का दुखाना” सहित कई चौपाई का संगीतमय प्रस्तुति कर उन्होंने ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।शिव पार्वती विवाह प्रसंग को रखते हुए अपमान और सम्मान पर प्रकाश डालते हुए शक्ति स्वरूप का वर्णन किया।