घुटना के दर्द से निजात संभव : डॉ० गोपाल

आइसोमेट्रिक एक्सरसाईज घुटना दर्द से निजात दिलाने में कारगर
मोतिहारी। आधुनिक जीवनशैली में आजकल 40 वर्ष से अधिक उम्र के महिलाओं एवं पुरुषों में घुटना में दर्द की शिकायत आम बात हो गई है। ऑस्टियोआर्थराइटिस घुटना के दर्द का सबसे मुख्य कारण माना जाता है।
पुरुषो के मुकाबले महिलाओं में आस्टियोऑर्थराईटिस होने का खतरा अधिक होता है।
अधिक वजन वाले लोगों में घुटना में दर्द की समस्या अधिक देखने को मिलता है। घुटना में दर्द होने पर परेशान होने एवं घबराने की आवश्यकता नही है जरूरत है सही समय पर उचित ईलाज कराने की, उक्त बातें शहर के मिस्कौट स्थित जन सेवा फिजियोथेरेपी एवं दर्द निवारण क्लिनिक के निदेशक मशहूर फिजियोथेरेपिस्ट एवं नस जोड़ दर्द विशेषज्ञ डॉ० गोपाल कुमार सिंह ने जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।
डॉ० गोपाल ने जानकारी देते हुए बताया कि घुटना में दर्द पर शुरुआत में अक्सर लोग इसे हल्के में लेकर नजरअंदाज करते हैं और बाद में दर्द के साथ परेशानी बढ़ जाने पर ईलाज के लिए जगह जगह हाॅस्पीटल का चक्कर काटने के लिए मजबूर हो जाते है।
घुटना में लंबे समय तक दर्द होने पर आम लोगों के मन में यही अशंका रहती है कि घुटना के दर्द से निजात प्रत्यारोपण के बिना संभव नहीं है, लेकिन ऐसा नहीं है, समय पर सही उपचार, नियमित घुटना का व्यायाम एवं कुछ सावधानियां बरतकर घुटना के दर्द से बहुत हद तक निजात मिल सकता है।
डॉ० गोपाल ने बताया कि आइसोमेट्रिक घुटना का एक्सरसाईज घुटना के दर्द से बचाव एवं निजात दिलाने में कारगर साबित होता है।
आइसोमेट्रिक एक्सरसाईज करने के लिए बिस्तर पर सीधा लेटकर एक बड़े तौलिया को 4 से 6 इंच मोटा मोड़कर घुटना के निचे रखकर घुटना और जांघ की मांसपेशियों से इसको निचे की तरफ दबाकर 5 सेकेंड तक रोक कर रखे,
घ्यान रहे कि पंजा अपनी ओर रहे, फिर इसी तौलिया को ऐड़ी के निचे रखकर 5 सेकेंड दबाकर रखें, इसे 15 से 20 बार दोहराएं। इससे आस्टियोऑर्थराईटिस यानी घुटना के दर्द से काफी राहत एवं निजात मिलती है।
घुटना दर्द के मरीज सावधानी के रूप में पालथी मारकर एवं घुटना मोड़कर निचे जमीन पर नहीं बैठे। सीढ़ी पर चढ़ने से यथासंभव बचें। कमोड वाले शौचालय का उपयोग करें।




















