बंदरों के हमले से ट्रेन मैनेजर जख्मी, कराया गया उनका इलाज

स्टेशन अधीक्षक ने बंदरों के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए जिलाधिकारी और वन विभाग को पत्र लिखा है। अब तक पीडीडीयू जंक्शन पर बंदरों के हमले से दस से अधिक यात्री और रेलकर्मी जख्मी हो चुके हैं।
कैसे बंदरों से मुक्त होगा डीडीयू जंक्शन
स्टेशन अधीक्षक के लेटर के बाद भी खामोश है वन विभाग
बंदरों से मुक्ति के लिए अब क्या करेगा रेल प्रशासन
चंदौली जिले के पंडित दीन दयाल उपाध्याय रेलवे जंक्शन पर बंदरों का आतंक धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है। बुधवार को बंदरों ने पैसेंजर ट्रेन के मैनेजर पर ही हमला बोल दिया। इससे वह जख्मी हो गये। इसके बाद उनका इलाज करवाया गया।
आपको बता दें कि बुधवार की शाम सवा तीन बजे यात्री ट्रेन मैनेजर अर्जुन सिंह स्टेशन अधीक्षक कार्यालय में स्टेशन अधीक्षक आरके सिंह से मुलाकात के बाद वापस जा रहे थे। इसी बीच फुटओवर ब्रिज पर बंदरों ने झुंड ने अर्जुन सिंह को घेर लिया। जब तक वे कुछ समझ पाते एक बंदर ने झपट्टा मार कर ट्रेन मैनेजर के कलाई को जख्मी कर दिया। इसके बाद यात्रियों के शोर मचाने पर बंदर भागे।
इसके बाद घायल अर्जुन का प्राथमिक उपचार किया गया। तब जाकर उनको राहत मिली। इस घटना के बाद बंदरों पर नकेल कसने की मांग तेज हो रही है। ताकि यात्रियों व रेलकर्मियों के मन से बंदरों का भय कम किया जा सके।
हालांकि स्टेशन अधीक्षक ने बंदरों के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए जिलाधिकारी और वन विभाग को पत्र लिखा है। अब तक पीडीडीयू जंक्शन पर बंदरों के हमले से दस से अधिक यात्री और रेलकर्मी जख्मी हो चुके हैं। एक तरफ तो रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाने कवायद की जा रही है। तो वहीं बंदरों की समस्या से निजात पाने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है।




















