चंदौली नगर पंचायत में बनेगी जिले की सबसे बड़ी गोशाला, आ गयी है पहली किश्त
चंदौली जनपद में 24 पशु आश्रय स्थलों में 3081 बेसहारा मवेशी रखे गए हैं। आश्रय स्थलों में भूसा, चारा की व्यवस्था की गई है, लेकिन पशुओं की संख्या ज्यादा होने के कारण समस्या होती है।
जिले में 1.65 करोड़ की लागत से बनेगी गोशाला
लोकसभा चुनाव के बाद शुरू होगा काम
टेंडर की प्रक्रिया हो गयी है पूरी
500 मवेशी रखने की होगी जगह
चंदौली जिले में सड़कों पर छुट्टा पशुओं की समस्या के निराकरण के लिए नगर पंचायत चंदौली की सीमा में 1.65 करोड़ की लागत से जिले की सबसे बड़ी गोशाला बनाने की योजना शुरू हो गयी है, जिसमें लगभग 500 मवेशी रखे जा सकेंगे। इसके निर्माण के लिए जिले को पहली किश्त के रूप में 82 लाख रुपये मिल चुके हैं। साथ ही साथ इसको बनाने के लिए एक बीघा जमीन भी चिह्नित कर ली गई है और उसके लिए टेंडर भी हो चुका है। बस लोकसभा चुनाव के बाद गोशाला के निर्माण का कार्य शुरू होने वाला है।
आंकड़ों में बताया जा रहा है कि चंदौली जनपद में 24 पशु आश्रय स्थलों में 3081 बेसहारा मवेशी रखे गए हैं। आश्रय स्थलों में भूसा, चारा की व्यवस्था की गई है, लेकिन पशुओं की संख्या ज्यादा होने के कारण समस्या होती है। ऐसे में शासन ने जिले में दो कान्हा गौशाला का निर्माण कराने का निर्देश दिया है। इसके अलावा दस और गोशालाओं का निर्माण कराया जाएगा। कैटिल कैचर की व्यवस्था की जाएगी ताकि छुट्टा पशुओं को पकड़कर आश्रय स्थलों में पहुंचाया जा सके। अधिकारियों का कहना है कि कान्हा गोशाला के लिए कांशीराम आवास के एक बीघा जमीन चिह्नित कर ली गई है और टेंडर भी हो चुका है।
डॉ. रजनीश दुबे के फरमान का असर
पिछले साल जुलाई में जिले के दौरे पर आए दुग्ध विकास, मत्स्य व पशुधन विकास विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव डॉ. रजनीश दुबे ने निकायों के साथ ही जिले में दस अस्थाई गोशाला और दो कान्हा गौशाला का निर्माण कराने का निर्देश दिया था।
अधिशासी अधिकारी बोले
इस संबंध में नगर पंचायत चंदौली के अधिशासी अधिकारी दिनेश कुमार ने बताया कि कान्हा गौशाला के निमार्ण के लिए जमीन चिहिनत कर ली गई है। बजट की पहली किस्त मिल गई है और टेंडर भी हो चुका है। चुनाव के बाद निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा।