अब काला धान पैदा करने वाले किसानों को ट्रेनिंग देने की तैयारी, मिलेगा टूल किट व मानदेय

चंदौली जिले में काले धान के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जिले के किसानों को प्रशिक्षण और टूलकिट देने की योजना पर काम किया जा रहा है। इसमें उद्योग विभाग के दस दिनों के प्रशिक्षण में 200 किसानों को शामिल करने की योजना बना चुका है।
चंदौली जिले के उद्योग विभाग की पहल
जनपद का एक जिला एक उत्पाद के रूप में सेलेक्ट होने से फायदा
10 दिनों का होगा यह खास प्रशिक्षण
2 हजार रूपए का मिलेगा मानदेय भी
चंदौली जिले में काले धान के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जिले के किसानों को प्रशिक्षण और टूलकिट देने की योजना पर काम किया जा रहा है। इसमें उद्योग विभाग के दस दिनों के प्रशिक्षण में 200 किसानों को शामिल करने की योजना बना चुका है। इसमें भाग लेने वाले किसानों को मानदेय भी दिया जाएगा। इस योजना पर लोकसभा चुनाव के बाद अमल किया जाना है।
बताया जा रहा है कि किसानों के प्रशिक्षण के लिए किसानों के चयन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। ब्लैक राइस यानी काला चावल को जनपद का एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) की श्रेणी में शामिल होने करने के बाद इसके उत्पादन को बढ़ावा देने की तैयारी है। जिले में मौजूदा समय में करीब एक हजार एकड़ में काला चावल की खेती हो रही है।
जानकारी के अनुसार, जिले में अभी तक लगभग चार हजार क्विंटल से ज्यादा पैदावार हो चुकी है। करीब दो हजार क्विंटल काला चावल दुबई, शारजाह, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में निर्यात किया जा चुका है। जिले में 50 से 60 किसानों ने काले चावल की खेती की शुरूआत की थी, जो 500 तक पहुंच गई है। इसकी खेती का रकबा बढ़ाने के लिए किसानों को उन्नत प्रजाति के बीज का प्रयोग करने, कटाई, मड़ाई समेत अन्य तकनीकी जानकारी देकर प्रशिक्षित किया जाएगा।
कहा जा रहा है कि 10 दिनों के प्रशिक्षण में किसानों को एक टूलकिट दिया जाएगा। साथ ही दो हजार रुपये मानदेय भी मिलेगा। ताकि किसान इसका लाभ उठा सकें।