श्रीमद्भागवत के यथार्थ गीता का पाठ संपन्न
नौगढ़ चंदौली संवाददाता लक्ष्मीकांत विश्वकर्मा की रिपोर्ट
नौगढ़।परम पूज्य परमहंस स्वामी अड़गड़ानंद महाराज की रचित श्रीमद्भगवद्गीता के यथार्थ गीता का अखंड पाठ सोमवार को बाघी नौगढ में समाजसेवी सत्यनारायण यादव के आवास पर संपन्न हुआ।
जिसमें परमहंस आश्रम सक्तेशगढ़ चुनार मिर्जापुर से आई शास्त्री टीम ने संगीतमय प्रस्तुति कर भगवद्गीता का श्रोताओं को रसपान कराया। आयोजित सत्संग में गौरव महाराज ने यथार्थ गीता के बारे में जानकारी देते हुए एक परमात्मा के भजन पर बल दिया।
भजन किसका और कैसे करें। धर्म क्या है।
इस बारे में सविस्तार समझाते हुए ॐ या राम के जप और सदगुरु के ध्यान के लिए प्रेरित किया।
कहा कि वह घर शमशान है जिसमें प्रभु की चर्चा न होता हो।
अपने पाल्यों को शिक्षा के साथ ही भक्ति भावना की ओर प्रेरित किया जाना अभिभावकों का नैतिक कर्तव्य व दायित्व है।
मन बहुत ही कठिनाई से अभ्यास व वैराग्य से वश में हो पाता है। विषयों से राग का त्याग ही वैराग्य है।
मन बड़ा चंचल है।यह सब कुछ चाहता है।केवल भजन नहीं चाहता।
आत्मा अपने पूर्व जन्म के गुण धर्म को लेकर आता है।जीवन को प्रकृति में बिखरे रहना ही मृत्यु है।
गीता के अनुसार शरीरों व नश्वर कलेवरों का निधन मात्र परिवर्तन है हिंसा नहीं।
जो आदर्श है उसका निरादर न करें।
भगवान श्री कृष्ण ने कहा है जो समझ में आ जाय तो तुरंत करने में लग जायं। विस्मृत होने लगे तो पुनः अध्ययन करने लगे।
टीम में पन्नालाल शास्त्री बाबूलाल शास्त्री वकील शास्त्री राजेन्द्र शास्त्री ईत्यादि शामिल रहे।
मौजूद श्रोताओं को निःशुल्क यथार्थ गीता का वितरण कर आत्मसात करने की अपील किया गया।
आयोजन में समाजसेवी प्रदीप कुमार उर्फ पिंटू यादव लालबरत पूर्व प्रधान मोहन साहेब डा.सुजीत यादव (आशिर्वाद हास्पिटल) रामनन्दन प्रमोद कुमार प्रभु नारायण ईत्यादि ने सहयोग प्रदान किया।