सदर अस्पताल में सिटिस्कैन का उदघाटन डीएम द्वारा करना सरकार के पत्र का धज्जियां उड़ाना:–महानंद
अरवल जिला ब्यूरो बिरेंद्र चंद्रवंशी की रिपोर्ट
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग का पत्रांक सी. इस. 1/एम 1–112/99 के आलोक में सरकार के सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने एक पत्र जारी किया है कि “किसी भी क्षेत्र में कोई भी प्रशासनिक अधिकारी या उनकी पत्नी विकास योजनाओं का उद्घाटन नहीं करेंगे एवं किसी शीलापट पर अपना नाम अंकित नहीं करेंगे ।
यदि आवश्यकता हुई तो उसे क्षेत्र के मंत्री या सांसद या क्षेत्रीय विधायक या क्षेत्रीय पार्षद शीलापट रखेंगे या उद्घाटन करेंगे ।
यदि कोई बड़ी योजना हुई तो अनुरोध प्राप्त होने पर मुख्यमंत्री शिलापट रखेंगे या उद्घाटन करेंगे” इस तरह के आदेश पत्र के द्वारा निर्गत किया गया है ।लेकिन उस पत्र का धज्जियां उड़ाई जा रहे है । अरवल में विकास योजनाओं का शीलापट यहां के डीएम द्वारा लगाया जा रहा है और उद्घाटन किया जा रहे हैं जो कहीं से उचित नहीं है ।
उचित होता कि यहां के प्रभारी मंत्री, सांसद अथवा स्थानीय विधायक के द्वारा किया जाता । लेकिन सरकार के आदेश का उल्लंघन करना कहीं से ठीक नहीं है । इसे सुधारा जाना चाहिए । सरकार को ऐसे पदाधिकारी पर कार्रवाई करनी चाहिए ।
इतना ही नहीं कई विद्यालय, अस्पताल, स्वच्छता भवन एवं अन्य तरह के सरकार के विकास योजनाओं का उद्घाटन का शिलापट्ट डीएम के द्वारा लगाया गया है और उद्घाटन किया गया ।
कई जगहों पर तो बगैर गए हुए मुख्यमंत्री के तरह शिलापट्ट लगा दिया गया और डीएम ऑफिस से ही इसका उद्घाटन किया गया । यह कहीं से उचित नहीं है । सरकार आदेश व नियमावली के खिलाफ है । भाकपा माले के विधायक महानंद सिंह ने इस तरह के प्रवृत्ति का विरोध किया है ।
उन्होंने कहा है कि भाजपा वाले यहां डीएम के जरिए शीलापट्ट लगवा कर अरवल विधायक को ही अवहेलना नहीं कर रहे हैं बल्कि अपने प्रभारी मंत्री का भी अवहेलना कर रहे हैं ।
भाजपा के कोई दबंग मंत्री होते तो डीएम शायद ऐसा कदम नहीं उठा पातीं । अतिपिछड़ा कोटे के होने के कारण केवल उनसे वोट लेने के लिए जगह देते हैं ।
कमजोर समझ कर और सामंती सोंच के कारण उन्हें सम्मान व उचित कोई जगह नहीं दिया जाता है । भाजपाई डीएम के दलाली व अपनी बाहबाही लूटने के चक्कर में अपने ही पैर में कुल्हाड़ी मार रहे हैं ।
उन्हें पता नहीं है कि यह जनप्रतिनिधियों के संवैधानिक अधिकार के खिलाफ है । उन्होंने कहा कि भाजपा-जदयू की सरकार है । नौकरशाही चरम पर है । मंत्री को भी जब नौकरशाह तवज्जो नहीं दे तो लोकतंत्र पर खतरा माना जाना चाहिए ।
भाकपा माले लोकतंत्र के लिए हमेशा लड़ने वाली पार्टी रही है । दलाली कत्तई नहीं करती । न्याय पसंद व लोकतंत्र व अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने वालों के साथ भाकपा माले हमेशा साथ रहा है ।
बादशाह प्रसाद
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अरवल