मानपुर पुरैनिया व बन बैरिया गांव के ग्रामीण बाघ के भय से दहशतजदा

बेतिया मैनाटांड संवाददाता अक्षय कुमार आनंद की रिपोर्ट
मैनाटाड़: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के मानपुर वन क्षेत्र के मानपुर पुरैनिया और बन बैरिया गांव के लोग बाघ के डर से दहशतजदा है। वही बन बैरिया गांव के सरेह में बाघ होने की सूचना पर शनिवार को भी घंटो अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। दोनो गांवों के लोग रात मे घरों से निकलना मुनासिब नही समझ रहे हैं।
ग्रामीण मनोज बैठा ,अजय पासवान, जोगिंदर महतो,विनोद यादव, मामुल शेख,तपू महतो, सजीर मियां, सलीम अंसारी तथा मदन चौधरी आदि ने बताया कि महेंद्र राम के 15 वर्षीय पुत्र अनिल कुमार तथा कमलेश्वरी राम के पुत्र सोनू कुमार 17 वर्षीय खाडवा टोला से साईकिल से आ रहे थे, तभी गन्ने के खेत मे बाघ के गरजने कि आवाज सुन दोनो किशोर साइकिल छोड़कर गांव की ओर भागे।
इसकी सूचना ग्रामीणों को भी दी। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दिया। मौके पर पहुंचे जमुनिया फौरेस्टर रूपा सिंहा,आरआरटी प्रभारी मुकेश कुमार राम,वनरक्षी सिंटू पासवान,टाइगर ट्रैकर प्रकाश महतो, राजेश राम तथा जगन महतो ने मामले को लेकर बाघ को ट्रैकिंग करने जुट गये।
वही फॉरेस्टर रूपा सिंहा ने बताया कि गन्ने के खेत में बाघ नहीं जंगली सूअर हो सकता है। बाघ जंगल की तरफ लौट गया है। ग्रामीण अफवाह से बचें। इधर मानपुर पुरैनिया गांव के ग्रामीण सुगंधी देवी, निर्मला देवी, सीमा देवी, धर्मेंद्र बिन, जमुनी देवी, लाल बहादुर बिन आदि ने बताया कि हम सभी ग्रामीण बाघ के डर से दहशत में जीने को मजबूर है।
शाम होते ही हमलोग घरो मे दुबक जा रहे है।इधर रेंजर सुजीत कुमार के मिटींग मे होने के कारण कोई प्रतिक्रिया नही ली जा सकी। उल्लेखनीय है कि 17 सितंबर को जंगल किनारे बकरी चराने गए इनरदेव महतो 50 वर्षीय को जंगल से निकलकर बाघ ने अपने जबड़े में दबाकर 500 मी दूर ले जाकर नोच डाला था।
जिससे उसकी मौत हो गई थी।उक्त व्यक्ति बैठकर खैनी बना रहा था और उसके बगल में ही उसकी पत्नी बैठी थी। वही 19 अगस्त को बन बैरिया से लगभग छह सौ मीटर की दूरी पर सटे मानपुर पुरैनिया गांव के सरेह में अलगू बिन, सुगिया देवी और रमाकांत बिन के चरने गयी आठ बकरियों को बाघ ने निवाला बना लिया था। वन विभाग भी आठ बकरियां को बाघ द्वारा मारकर खाने की पुष्टि किया है।