करमा धरमा पूजा में भाई बहन के प्रेम को जीवंत बनाये रखने पर दिया गया बल

बेतिया मैनाटांड संवाददाता अक्षय कुमार आनंद की रिपोर्ट
मैनाटाड़: मानपुर थाना क्षेत्र के चक्रसन गांव में आदिवासी उरांव महासभा के तत्वावधान में करमा धरमा पूजा का आयोजन किया गया।
जिसमें मुख्य रूप से विधायक वीरेंद्र गुप्ता, पूर्व विधायक दिलीप वर्मा रामनगर विधायक भागीरथी देवी, भाजपा युवा मोर्चा के प्रवक्ता समृद्ध वर्मा , मानपुर थानाध्यक्ष अजय कुमार चौधरी,भंगहा थानाध्यक्ष राहुल प्रसाद मांझी, अध्यक्ष जयप्रकाश उरांव, उपाध्यक्ष पवन उरांव, सुजीत उरांव शामिल रहें।
मौके पर युवाओं और महिलाओं ने परंपरागत नृत्य प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। मौके पर विधायक वीरेंद्र गुप्ता ने कहा कि आप सभी कर्म करे।
ताकि आपकी ताकत और पहचान बने। आप जो छुये सोना बन जाये। अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दे। ताकि वे पढ लिख कर समाज की मुख्य धारा में शामिल हो।
शिक्षित होने से ही आपका अधिकार मिल सकता है। आपलोग ने मुझे एक मांग पत्र सौंपा है। जिसे मै पूरी ईमानदारी से आपके मांग को सरकार के पास रखूंगा।
वहीं पूर्व विधायक दिलीप वर्मा ने कहा कि आज करमा धरमा जैसे महान पूजा और आदिवासी समाज के 40 वें वर्षगांठ के अवसर पर समाज से शराबबंदी, दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसे कुरीतियों को उखाड़ फेंकने का आप सभी संकल्प लें। जिससे आप सबो का समुचित विकास हो।
वहीं रामनगर विधायक भागीरथी देवी और भाजपा नेता समृद्ध वर्मा ने भी कहा कि अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों के समुचित विकास हो , इसके लिए पूरा प्रयास किया जायेगा।
वहीं आदिवासी उरांव महासभा के अध्यक्ष जयप्रकाश उरांव ने कहा कि करमा धरमा का पर्व हर साल मनाया जाता है ।यह पर्व भाई-बहन के स्नेह और प्रेम की निशानी के रुप में मनाया जाता हैं।
वहीं उपाध्यक्ष पवन उरांव ने करमा धरमा पूजा के परौणिक कथा के बारे में बताया कि आदिकाल में करमा धरमा नाम के दो भाई थे। करमा धरमा बहुत मेहनत करते थे। उनकी बहन भगवान को बहुत मानती थी।वो करम पौधे की पूजा किया करती थी ।
एक बार कुछ दुश्मनों ने उस पर हमला कर दिया तो उसके दोनों भाईयों ने अपनी जान की बाजी लगाकर अपनी बहन को बचाया था। तब बहन से करम पौधे से अपने भाईयों के लिए खुशी, सुख और धन मांगा था।
जिसके बाद उसके दोनों भाई काफी धनी हो गये। और वो इस खुशी में अपनी बहन संग काफी करम पौधे के आगे काफी नाचे-गाये थे।तब से ही करम पौधे की पूजा भाई बहन करते हैं। इसे ‘करम नाच’ भी कहते हैं।
कार्यक्रम में आदिवासी उरांव समुदाय के लोगों से अपने बच्चों को शिक्षित करने पर बल दिया गया।साथ ही हक हकूक के लिए एकजुट रहने का संकल्प लिया गया।
मौके पर शंकर उरांव, धर्मदेव उरांव, सुजीत उरांव, संजीत उरांव सरिता देवी, गौतम उरांव, जवाहिर उरांव, लालमति देवी, चंद्रकलीया देवी, शकुंतला देवी, मीरा देवी, उर्मिला देवी, शीला देवी, रेणु देवी, चंदा देवी सहित मैनाटाड़ और गौनाहा प्रखंड के आदिवासी समाज के लोग काफी संख्या में मौजूद रहें।