
अरवल जिला ब्यूरो बिरेंद्र चंद्रवंशी की रिपोर्ट
कुर्था, अगस्त क्रांति के अग्रदूत शाहिद श्याम बिहारी बेनीपुरी जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत को दांत खट्टे करते हुए अंग्रेजी शासन काल में कुर्था थाने में तिरंगा लहराया था जिसके बाद अंग्रेजी शासन ने उन्हें गोली मारकर हत्या कर दी थी।
इसके बाद उक्त स्थल पर कुर्था के विभिन्न समुदाय के लोगों ने अपनी भूमि दान कर शहीद श्याम बिहारी बेनीपुरी का स्मारक स्थापित कराया। स्मारक कैंपस के इर्द गिर्द बाउंड्री बाल कराया गया तथा बाउंड्री बाल के चारों ओर हरे हरे वृक्ष लगाए गए।
इसके बाद जहानाबाद के निवर्तमान सांसद अरुण कुमार के द्वारा अपने सांसद मद से स्मारक के सौंदयीरण कराया था, हालांकि जब कभी उक्त स्मारक कैंपस में कुर्था आने वाले विभिन्न राजनीतिक दल के नेता सहिद श्यामबिहारी बेनीपूरी स्मारक पर माल्यार्पण करते हैं।
लेकिन गनीमत यह है कि इन दिनों बेनीपुरी स्मारक के मुख्य द्वार पर ताला लटका रहता है जिसके वजह से लोगों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है।
बेनीपुरी स्मारक के मोहल्ले वासियों ने बताया कि विगत कई माह से बेनीपुरी स्मारक के मुख्य द्वार पर ताला लटका रहता है।
जिसके वजह से बच्चों को सुबह में स्मारक कैंपस में खेलने कूदने में भी काफी परेशानी हो रही है और तो और कुछ लोग उक्त कैंपस में मॉर्निंग बाक भी करते थे।
लेकिन ताले लटके रहने के वजह से लोगों को काफी कठिनाई हो रही है ग्रामीणों ने कहा कि बेनीपुरी गांव के मुंशी महावीर लाल जो जाति से श्रीवास्तव लाला जी थे उनके घर 4 जनवरी 1914 को माता वैदेही देवी के कोख से एक बालक जन्म हुआ था।
जिनका नाम श्याम बिहारी सिंह था बेनीपुर गांव में होने के वजह से उनका नाम के पीछे बेनीपुरी जुड़ गया अंग्रेजों के दांत खट्टे करते हुए इसी कुर्था के इसी सरजमी पर शहीद हो गए थे और तब कुर्था के लोगों ने अपने निजी जमीन दान करके उनकी आदम कर प्रतिमा लगवाई थी।
लेकिन आज उनके प्रतिमा स्थल चंद लोगों के हाथों में सिमट रही है जिसके वजह से आम जनों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है।
ग्रामीणों ने कहा कि सहिद श्याम बिहारी बेनीपुरी किसी एक का नहीं है बल्कि वह सभी के हृदय में राज करते हैं ऐसे में कुछ लोग उनपर कब्जा जमाना चाहता है जो कहीं से भी जायज नहीं है।
उन्होंने अरवल जिलाधिकारी से मांग की है कि उक्त मामले में हस्तक्षेप करते हुए श्याम बिहारी बेरीपुरी के मुख्य द्वार आमजनों के लिए खोला जाए ताकि उनके प्रतिमा स्थल पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर सकें।