नवजात बच्ची की मौत पर परिजनों ने जमकर काटा बवाल, सीएस से शिकायत
बेतिया मैनाटांड़ संवाददाता अक्षय कुमार आनंद की रिपोर्ट
मैनाटाड़: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मैनाटाड़ में प्रसव उपरांत नवजात बच्ची के मौत को लेकर परिजनों ने जमकर बवाल काटा। रविवार के सुबह नवजात बच्चे को लेकर डॉ, एएनएम और ममता पर आक्रोश जताते हुए परिजनों ने जमकर आक्रोश जताया ।
मिली जानकारी के अनुसार इनरवा निवासी रामबली महतो की भतीजी संजू कुमारी का प्रसव शनिवार की देर रात मैनाटाड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हुआ ।
प्रसव उपरांत नवजात बच्ची स्वस्थ थी। दो घंटा के बाद उसकी स्थिति बिगड़ गई तो मौके पर तैनात डॉ अजीत कुमार को जानकारी दी गयी।
जानकारी मिलते ही डॉअजीत कुमार नवजात बच्च को देखने लेबर रूम पहुंचे । उसके बाद उन्होंने बच्ची को मृत घोषित कर दिया। तब प्रसूति महिला के साथ आये महिलाओं ने मामले की जानकारी अपने घर पर दिया ।
घर से प्रसूति महिला के चाचा रामबली महतो सहित अन्य लोग अस्पताल पहुंचे और सारी वस्तु स्थिति की जानकारी ली। प्रसूति महिला के चाचा रामबली महतो का कहना था कि जब प्रसव के बाद बच्ची स्वास्थ्य थी तो उसकी कैसे मृत्यु हो गयी ।
आखिर में जब बच्चे की स्थिति बिगड़ी तो मौके पर तैनात एएनएम और ममता के द्वारा क्यों नहीं चिकित्सक को बुलाकर उसकी जांच करायी गयी ।हमारे नवजात नातिन को क्यों नहीं रेफर किया गया अगर रेफर किया गया होता तो मेरी नवजात बच्ची की जान बचाई जा सकता थी।
वही मौके पर तैनात चिकित्सक अजीत कुमार ने बताया कि जब मैं लेबर रूम में जाकर नवजात बच्चे को देखा तो वह उसका डेथ हो चुका था।
पीड़ित प्रस्तुति महिला के चाचा रामबली माता ने सारे मामले की जानकारी सिविल सर्जन को दूरभाष पर दी ।उसके बाद सीएचसी प्रभारी डॉ विजय कुमार चौधरी मैनाटाड़ अस्पताल पहुंचे और सारे मामले की गहन छानबीन की।
मौके पर प्रसूति महिला के चाचा रामबली महतो भी अस्पताल पहुंचकर सारे घटनाक्रम से सीएचसी प्रभारी को अवगत कराया। सीएससी प्रभारी ने कहा कि इस इस मामले में जांच की जा रही है जो भी दोषी होगा उसे पर कार्रवाई की जायेगी ।
संबंधित एएनएम और ममता को लेबर रूम से छह महीना के लिए हटा दिया गया है। नियम का पालन नहीं करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों पर कारवाई तय है।