लाखों की लागत से मैनाटाड़ में बना पानी टंकी पड़ा बेकार, आक्रोश

बेतिया मैनाटांड़ संवाददाता अक्षय कुमार आनंद की रिपोर्ट
मैनाटांड: प्रखंड मुख्यालय में लाखों रुपये की लागत से पीएचडी द्वारा बनाया गये जलमीनार से अब तक लोगों को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति नहीं हो सकी है।
जिससे प्रखंड मुख्यालय वासियों में काफी आक्रोश हैं। साथ ही पीएचडी के अधिकारियों एवं जलमीनार बनवा रहे संवेदक के विरुद्ध खासी नाराजगी भी है।
बाजार वासी वीरेंद्र प्रसाद,पप्पु गुप्ता, अक्षय कुमार आनंद,विनोद साह, शिवकुमार, बनवारी प्रसाद,उमेश सोनी, बब्लू गुप्ता , देवदत्त कुऊआदि ने बताया कि विगत पंद्रह वर्ष पूर्व मैनाटांड़ में पीएचडी के द्वारा जलमीनार बनाने का काम शुरू किया गया।
जो अब तक लापरवाही के कारण पूरा नहीं किया जा सका। पानी टंकी बनकर तैयार है। लेकिन जब उसमें पानी भरा गया तो टंकी से रिसाव होने लगा।
उसके बाद उसे ठीक किया गया।फिर भी विभागीय लापरवाही से अबतक नहीं शुरू किया गया। जबकि प्रखंड मुख्यालय में पाइप को बिछाकर टोटा भी निकाल दिया गया है। लेकिन आगे का काम सिफर रहा।
टोटा भी बर्बाद हो गया। वही पानी टंकी के रखरखाव के लिए अनुरक्षक की बहाली विभाग के द्वारा की गई है ।लेकिन अभी तक उस अनुरक्षक को किसी ने देखा नहीं है।
लोगों ने बताया कि एक तरफ सरकार चाहती है कि लोगों को हर घर का नल योजना के तहत स्वच्छ जल मिले। लेकिन मैनाटांड़ प्रखंड मुख्यालय में ही यह योजना हवा हवाई साबित हो रही है।
पूर्व के दिनों में जिला पदाधिकारी के द्वारा प्रखंड के निरीक्षण के दौरान पीएचडी के अधिकारियों के निर्देश दिया गया था कि हर हाल में अविलंब पानी टंकी को चालू करें। फिर भी पानी टंकी चालू करने के लिए दिशा में सार्थक पहल नहीं हुई।
लोगों ने जिला प्रशासन से हस्तक्षेप कर बंद पड़े जलमीनार को चालू कराने की मांग की है ताकि प्रखंड मुख्यालय के लोगों को स्वच्छ जल मिल सके।
वहीं एसडीओ बृजमोहन सिंह ने बताया कि जिस संवेदक को काम दिया गया था उसे ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया है ।हर हाल में टंकी को चालू कर लोगों को स्वच्छ जल मुहैया कराया जायेगा।