
जब देश के ज़्यादातर नेता खामोश थे, तब ये शेर अकेला ही दहाड़ रहा था।
अरवल जिला ब्यूरो बिरेंद्र चंद्रवंशी की रिपोर्ट
दिल से सलाम है हिन्दुस्तान के इस बहादुर शेर को जब पूरी दुनिया देख रही थी और मुल्क एक अहम मोड़ पर खड़ा था, तब बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी साहब हिंदुस्तान की तरफ से वो आवाज़ बनकर सामने आए, जिसकी इस वक़्त मुल्क को सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी।
उन्होंने ना सिर्फ़ पाकिस्तान को उसकी ज़ुबान में जवाब दिया, बल्कि पूरे मुल्क को ये यक़ीन दिलाया कि अगर हिम्मत और ईमानदारी हो, तो कोई भी डर ज़िंदगी की राह नहीं रोक सकता।
ओवैसी साहब ने जिस तरह मज़बूती से पाकिस्तान के झूठ और प्रोपेगेंडा का पर्दाफ़ाश किया, वो साफ़ दिखाता है कि उनके दिल में मुल्क के लिए कितना दर्द और कितना जुनून है। वो अकेले नेता थे जिन्होंने बिना किसी डर के पाकिस्तान को सीधी बात कही और पूरे भारत का सिर फ़ख्र से ऊँचा कर दिया।
लेकिन आज ये लड़ाई सिर्फ़ बाहर के दुश्मनों से नहीं है। आज ज़रूरत है अपने अंदर की नफ़रत को हराने की। आज ज़रूरत है क़ौमी एकता की, जहाँ हर मज़हब, हर ज़ात, हर भाषा और हर रंग के लोग एक साथ खड़े हों, एक झंडे के नीचे, एक आवाज़ बनकर।
ओवैसी साहब सिर्फ़ एक नेता नहीं हैं, वो एक सोच का नाम है, वो सोच जो संविधान में भरोसा करती है, जो बराबरी की बात करती है, और जो हर मज़लूम के साथ खड़ी होती है।
आइए, हम सब मिलकर इस मुल्क को मज़बूत बनाएं, नफ़रत को छोड़कर मोहब्बत के साथ, डर को छोड़कर हिम्मत के साथ, और बंटवारे को छोड़कर एकता के साथ।
सलाम है ओवैसी साहब को, आपकी आवाज़, आपकी हिम्मत और आपका सच्चा हिन्दुस्तानी जज़्बा हमेशा हम सबको राह दिखाता रहेगा।