
प्रो अशोक गुप्ता हो सकते है जन सुराज से दिनारा विधानसभा के प्रत्याशी, सैकड़ों लोगों ने जन सुराज का थामा दामन
रोहतास संवाददाता चारोधाम मिश्रा की रिपोर्ट
दिनारा (रोहतास) बिहार के शाहाबाद के रोहतास जिला की मिट्टी से अवतरित संघर्ष सपूत और दूसरे सूबे के दूसरे जयप्रकाश, गांधी अंबेडकर, लोहिया और कर्पूरी के द्वारा खींची गई लकीर को तेज करने में सक्षम और काबिल नेतृत्व और बिहार के गौरव का नाम जनसुराज सूत्रधार प्रशांत किशोर हैं। बिहार के गौरवशाली इतिहास की वापसी के एकमात्र विश्वशनीय अबकी बार जन सुराज सरकार।
उक्त आशय की जानकारी दिनारा के जगदीप होटल में आयोजित एक प्रेस वार्ता में बिहार प्रदेश जनसुराज के कोर कमेटी सदस्य और संभावित प्रत्याशी प्रो अशोक कुमार गुप्ता ने दी।
प्रो अशोक कुमार गुप्ता ने बताया की बिहार और देश की पुरानी, परंपरागत, घिसी पिटी जंग लगी बेईमान, बीमार, संवेदनहीन और भ्रष्ट राजनीति को सरेस कागज सफाया करने का बिहार में एक नया विकल्प प्रशांत किशोर के नेतृत्व में जनसुराज मिशन से ही संभव है।
प्रो गुप्ता ने गत 15वर्ष की लालू राबड़ी और 20वर्ष चली आ रही नीतीश कुमार और एन डी ए की सरकार अब रिजेक्टेड कैप्सूल की तरह अवसरवाद, संप्रदायवाद, जातिवाद, धार्मिक उन्मादवाद से लेमन जूसी और फुसलावी, पेट जीआउ यानी 4 किलो अनाज के बल पर अनियंत्रित नेताशाही से अनियंत्रित अफसरशाही और पुलिस शाही की ओर बढ़कर जुल्मी हुकूमत चलाना चाहती है।
जिसे जनसुराज ही खत्म कर सकता। बिहार युवा रोजगार, पलायन मार, शिक्षा स्वास्थ्य, बच्चों के गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा से दूर हो भय, भूख और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अन्य राज्यों के मुकाबले काफ़ी पीछे है।
स्थानीय दिनारा विधानसभा क्षेत्र प्रतिनिधित्व के सवाल पर प्रो गुप्ता ने स्पष्ट कहा कि लगातार दिनारा का राजनीति की खेती की जमीन बाहरी लोगों के हाथों रेहन रखा जा रहा है। अधिकांश दलों के द्वारा दिल्ली पटना से अजनबी उम्मीदवार थोपे जा रहे हैं, जो विधायकी का एहसास नहीं करा पाते।
इस प्रेस वार्ता में 22पंचायत से आए हुए कई दलों के सैकड़ों प्रतिनिधि ने प्रो गुप्ता के नेतृत्व में जनसुराज की सदस्यता ग्रहण की। जिला संगठन से प्रवक्ता बिनोद कुमार तिवारी शामिल थे।
प्रेस वार्ता में उमा शंकर बैठा, उमाशंकर गुप्ता, जितेंद्र कुमार गुप्ता, धनंजय कुशवाहा, शशिकला देवी, शिमला देवी, गुप्त राम, धनजी गुप्ता, रंगलाल साह, योगेन्द्र कुमार गुप्ता, जानी साह, आदि सैकड़ों मौजूद थे।




















