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राजस्व महाअभियानः हर मौजा में लग रहे कैम्प, जमाबंदी सुधार और विवाद निपटान की अपील

राजस्व महाअभियानः हर मौजा में लग रहे कैम्प, जमाबंदी सुधार और विवाद निपटान की अपील

वैशाली संवाददाता प्रभंजन कुमार की रिपोर्ट 

वैशाली: महुआ राजस्व महाअभियान के अंतर्गत पूरे अनुमंडल क्षेत्र में इन दिनों अभूतपूर्व सक्रियता देखी जा रही है। अभियान क मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर परिवार तक उनकी जमाबंदी पहुँचे और नागरिक अपनी भूमि से जुड़ी के कागज़ातों के प्रति पूरी तरह सजग और जागरूक रहें। इस कड़ी में प्रत्येक मौजा में विशेष कैम्प का आयोजन किन जा रहा है जहाँ आम लोग अपनी जमाबंदी प्राप्त कर रहे हैं और आवश्यक सुधार कार्य भी तुरंत किया जा रहा है।

अभियान के दौरान प्रशासन की ओर से लोगों को यह स्पष्ट संदेश दिया जा रहा है कि भूमि से जुड़े अधिकार कर्तव्य दोनों के प्रति जागरूक होना अनिवार्य है। अधिकारियों ने बताया कि यदि किसी परिवार में मौखिक बँटवा हो चुका है तो उसे केवल परंपरा तक सीमित न रखकर लिखित रूप में दर्ज करना चाहिए।

इसके लिए समझौता प तैयार कर अलग-अलग जमाबंदी अवश्य बनवानी होगी। ऐसा करने से आने वाले समय में किसी भी प्रकार के विव की संभावना स्वतः समाप्त हो जाएगी और उत्तराधिकारियों के अधिकार भी सुरक्षित रहेंगे।

राजस्व महाअभियान के कैम्पों में यह भी सुविधा दी जा रही है कि यदि किसी व्यक्ति की जमाबंदी में कोई त्रुटि प जाती है तो उसका तत्काल परिमार्जन कराया जा सकता है। नाम की अशुद्धि, क्षेत्रफल की गड़बड़ी या अन्य तकनीव त्रुटियों को मौके पर ही सुधारा जा रहा है। इससे नागरिकों को बार-बार कार्यालयों के चक्कर लगाने से राहत मिल रहा है।

प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन मामलों में जटिल भूमि विवाद मौजूद हैं, उनके लिए सभी नागरिकों अपेक्षा की जाती है कि वे संबंधित अंचल अधिकारी से मिलकर शनिवार को नियमित रूप से आयोजित जनन दरबार में अपने विवाद दर्ज कराएँ। इसमें अंचलाधिकारी स्वयं उपस्थित रहकर आवेदकों की समस्याएँ सुनते और विधिसम्मत समाधान के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान करते हैं।

अधिकारियों का कहना है कि आम जनन को चाहिए कि वह अपने विवादों को समय पर दर्ज कराकर समाधान की दिशा में कदम बढ़ाएँ, ताकि भविष्य में य समस्याएँ और गंभीर रूप न ले सकें।

इस महाअभियान में राजस्व कर्मियों के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भी सहभागिता सुनिश्चित की जा र है। पंचायत स्तर पर मुखिया, वार्ड सदस्य और ग्रामीण प्रतिनिधियों से अपेक्षा की गई है कि वे लोगों को कैम्प त पहुँचने के लिए प्रेरित करें। साथ ही माइकिंग और जागरूकता रथ के माध्यम से लगातार प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।

अनुमंडल पदाधिकारी ने आम जनता से अपील की है कि वे इस अभियान को केवल एक सरकारी औपचारिकता समझें, बल्कि इसे अपने भविष्य की सुरक्षा का अवसर मानें। भूमि विवाद वर्षों तक परिवारों को परेशान कर देते और अदालतों में लंबित मामले पीढ़ी दर पीढ़ी खिंचते चले जाते हैं।

ऐसे में यदि नागरिक समय रहते अपनी जमाबं की प्रति प्राप्त कर लें, त्रुटि सुधार करा लें और सहमति पत्र के आधार पर बँटवारा दर्ज करा लें, तो न केवल विवादों मुक्ति मिलेगी बल्कि अगली पीढ़ियों को भी कानूनी सुरक्षा प्राप्त होगी।

गौरतलब है कि पूरे जिले में चल रहे इस अभियान की लगातार निगरानी की जा रही है। उच्चाधिकारियों के अनुसा राजस्व महाअभियान को एक जन आंदोलन का रूप देना ही अंतिम लक्ष्य है। जब तक प्रत्येक नागरिक अप अधिकार और कर्तव्य के प्रति सजग नहीं होगा, तब तक भूमि विवादों का स्थायी समाधान संभव नहीं है।

राजस्व महाअभियान ग्रामीण समाज में स्थायी शांति और न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक ठोस पहल साबि हो रहा है। जनता की सक्रिय भागीदारी ही इसकी वास्तविक सफलता की कुंजी होगी।

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