
अखंड सौभाग्य और मनोवांछित फल के लिए सुहागिनों ने रखा व्रत
रोहतास दावथ संवाददाता चारोधाम मिश्रा की रिपोर्ट
दावथ (रोहतास): भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हस्त नक्षत्र के दिन मंगलवार को प्रखंड क्षेत्र में सुहागिनों ने हरितालिका व्रत रखा।
पूरे दिन उपवास के साथ संध्या समय में व्रत से संबंधित सुहागिनों ने कथा श्रवण किया। मान्यता के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए घने जंगल में तपस्या की थी।
जब उनके पिता ने उनका विवाह भगवान विष्णु से तय कर दिया था। सखियों ने उन्हें जंगल ले जाकर भगवान शिव की पूजा करने में मदद की और शिवजी ने प्रसन्न होकर उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया।
इस प्रकार हरतालिका तीज का व्रत माता पार्वती की कठोर तपस्या और शिव-पार्वती के पुनर्मिलन की याद में रखा जाता है। जिससे अखंड सौभाग्य और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।कथा श्रवण एवं पूजन के समय नए वस्त्र एवं श्रृंगार धारण कर विधि विधान के साथ यह व्रत किया जाता है।




















