
मां दुर्गा के 32 चमत्कारी नाम से मिलती है संकटों से मुक्ति:- अंजनी पाठक
देवताओं को मां दुर्गा ने दिया था ये मंत्र:- चारों धाम मिश्रा
दावथ( रोहतास): एक समय की बात है, ब्रह्मा आदि देवताओ ने पुष्प आदि विविध उपचारों से महेश्वरी दुर्गा का पूजन किया। इस से प्रसन्न होकर दुर्गतिनाशिनी दुर्गा ने कहा कि- हे देवताओं.. मैं तुम्हारे पूजन से संतुष्ट हूँ, तुम्हारी जो इच्छा हो, मांगो, मैं दुर्लभ से दुर्लभ वस्तु भी प्रदान करुंगी।
मां दुर्गा के 32 नाम
दुर्गा दुर्गार्तिशमनी दुर्गापद्विनिवारिणी।दुर्गमच्छेदिनी दर्गसाधिनी दुर्गनाशिनी।।
दुर्गतोद्धारिणी दर्गनिहन्त्री दुर्गमापहा।दुर्गमज्ञानदा दुर्गदैत्यलोकदवानला।।
दुर्गमा दुर्गमालोका दुर्गमात्मस्वरूपिणी।दुर्गमार्गप्रदा दुर्गमविद्या दुर्गमाश्रिता।।
दुर्गमज्ञानसंस्थाना दुर्गमध्यभासिनी।दुर्गमोहा दुर्गमगा दुर्गमार्थस्वारूपिणी।।
दुर्गमासुरसंहन्त्री दुर्गमायुधधारिणी।दुर्गमागीं दुर्गमता दुर्गम्या दुर्गमेश्वरी।।
दुर्गभीमा दुर्गभामा दुर्गभा दुर्गदारिणी।नामावलिमिमां यस्तु दुर्गाया मम मानव:।।
पठेत सर्वभयान्मुक्तो भविष्यति प संशय:।।
पंडित अजनी पाठक ने बताया कि जो मनुष्य मुझ दुर्गा की इस नाममाला का यह पाठ करता हैं, वह निःसंदेह सब प्रकार के भय से मुक्त हो जायेगा। यदि कोई शत्रुओं से पीड़ित हो अथवा दुर्भेद्य बंधन में पड़ा हो, इन बत्तीस नामों के पाठ मात्र से संकट से छुटकारा पा जाता हैं। इसमें तनिक भी संदेह नहीं हैं।
यदि राजा क्रोध में भरकर वध के लिए अथवा और किसी कठोर दंड के लिए आज्ञा दे दे या युद्ध में शत्रुओं द्वारा मनुष्य घिर जाए अथवा वन में व्याघ्र आदि हिंसक जंतुओं के चंगुल में फंस जाए तो इन बत्तीस नामों का एक सौ आठ बार पाठ मात्र करने से वह सम्पूर्ण भयों से मुक्त हो जाता हैं।




















