
उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तिलौथू में शांतिपूर्ण और अनुशासित वातावरण में संपन्न हो रही परीक्षा
अफवाहों के बीच बच्चों ने दिया शिक्षा और अनुशासन का सशक्त संदेश
रोहतास जिला ब्यूरो रोहित कुमार की रिपोर्ट
तिलौथू। उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तिलौथू में इन दिनों परीक्षा का माहौल पूरी तरह शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और अनुशासित बना हुआ है। विद्यालय परिसर में कहीं से भी किसी प्रकार की अनहोनी, अव्यवस्था या गड़बड़ी की कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है।
छात्र-छात्राएँ पूरे उत्साह और समर्पण के साथ अपनी परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, तिलौथू के कुछ असामाजिक तत्व विद्यालय की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से निराधार और भ्रामक अफवाहें फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।
विद्यालय प्रशासन ने ऐसे प्रयासों को निंदनीय बताते हुए स्पष्ट कहा है कि –विद्यालय में परीक्षाएँ पूर्णतः निष्पक्ष, सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित की जा रही हैं। कुछ लोग समाज में भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनकी साजिश कभी सफल नहीं होगी।
बच्चों का अनुशासित प्रदर्शन
विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने अपने शांतिपूर्ण और अनुशासित व्यवहार से इन अफवाहों का करारा जवाब दिया है। परीक्षा के दौरान बच्चों ने बिना किसी व्यवधान के गंभीरता और एकाग्रता से प्रश्नपत्र हल किए। यह दृश्य इस बात का प्रतीक था कि –
हमारा लक्ष्य केवल शिक्षा है और हम अपने उज्ज्वल भविष्य के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं।
ग्रामीणों और अभिभावकों की सराहना
कई ग्रामीणों एवं अभिभावकों ने विद्यालय की व्यवस्था और वातावरण की प्रशंसा की है। उनका कहना है कि विद्यालय में शिक्षा के लिए पूर्णतः उपयुक्त माहौल है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ और हताशा में विद्यालय की साख को आघात पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं।
विद्यालय में पढ़ रही एक छात्रा के पिता नंदकिशोर सिंह ने कहा हमारे बच्चे पूरी तरह सुरक्षित हैं और पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस विद्यालय की पहचान शिक्षा, अनुशासन और संस्कार से है, न कि अफवाहों से।
उन्होंने आगे कहा कि – पहले विद्यालय की राशि से कुछ लोगों का निजी खर्च चलता था, लेकिन नए प्रभारी के आने के बाद विद्यालय का वातावरण पारदर्शी और व्यवस्थित हो गया है। यही कारण है कि कुछ लोगों को आपत्ति हो रही है और वे माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि ऐसे व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए और उनके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति शिक्षा के इस मंदिर को बदनाम करने का दुस्साहस न कर सके।




















