
राजगीर महोत्सव में अंतर्राष्ट्रीय सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने रेत पर उकेरी सात निश्चय-3 योजना, बनी राजगीर महोत्सव का मुख्य आकर्षण
राजगीर महोत्सव में रेत से सजी ‘विकसित बिहार’ की भव्य तस्वीर, अंतर्राष्ट्रीय सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार की कलाकृति बनी आकर्षण का केंद्र
निज संवाददाता
राजगीर (नालंदा): विश्व की सबसे पहली ज्ञान की भूमि बिहार के नालंदा जिले के राजगीर में आयोजित तीन दिवसीय राजगीर महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर देश चर्चित अंतर्राष्ट्रीय सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने एक बार फिर अपनी बेमिसाल रेत कला से देश-विदेश से आए पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। लगातार 20 वर्षों से राजगीर महोत्सव में अपनी सृजनात्मक उपस्थिति दर्ज कराते आ रहे मधुरेंद्र कुमार की कलाकृति इस बार भी महोत्सव का सबसे बड़ा आकर्षण बनकर उभरी है।
वहीं राजगीर महोत्सव के उद्घाटन समारोह के अवसर पर मुख्य पंडाल के प्रवेश द्वार के दाहिनी ओर, कड़ाके की ठंड के बावजूद 12 घंटों के कठिन परिश्रम के बाद अंतर्राष्ट्रीय रेत कलाकार मधुरेंद्र कुमार ने 100 टन बालू से 10 फीट ऊंची और 20 फीट लंबी विशाल रेत कलाकृति का निर्माण किया। यह कलाकृति बिहार में ‘विकसित बिहार’ के संकल्प के तहत सात निश्चय-3 योजना के लागू होने के बाद पहली बार जन-जागरूकता के उद्देश्य से उकेरी गई है।
सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने अपने इस विशेष कलाकृति में बिहार सरकार की जन-जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रभावशाली रूप में दर्शाया गया है। रेत पर उकेरे गए संदेशों में दोगुना रोजगार–दोगुनी आय के लिए आर्थिक सशक्तिकरण, समृद्ध उद्योग–सशक्त बिहार के लिए निवेश और औद्योगिक विस्तार, कृषि में प्रगति–किसानों की आय में वृद्धि, उन्नत शिक्षा–उज्ज्वल भविष्य के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सुलभ स्वास्थ्य–सुरक्षित जीवन के लिए बेहतर इलाज व मजबूत स्वास्थ्य ढांचा, मजबूत आधार–सड़क, ऊर्जा, शहर और पर्यटन का आधुनिक विस्तार, तथा सबका सम्मान–तकनीक आधारित सुशासन से आसान जीवन जैसे विषयों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया है।

मधुरेंद्र कुमार की यह रेत प्रतिमा राजगीर महोत्सव में आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई है। लोग बड़ी संख्या में इस कलाकृति के साथ तस्वीरें खींचकर सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं, जिससे यह रचना तेजी से वायरल हो रही है।
गौरतलब है कि विश्व प्रसिद्ध भारतीय रेत कलाकार मधुरेंद्र कुमार बिहार के चंपारण जिले के निवासी हैं। वे सामाजिक सरोकारों, पर्यावरण संरक्षण और जन-जागरूकता से जुड़े विषयों पर आधारित अपनी सजीव रेत कलाकृतियों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुके हैं। अब तक वे 50 से अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
मधुरेंद्र कुमार की कला का प्रमुख उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक जागरूकता और सांस्कृतिक मूल्यों का प्रचार-प्रसार है। प्लास्टिक प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, जल संरक्षण, वन्यजीव सुरक्षा, स्वच्छ भारत अभियान, विश्व शांति, राष्ट्रीय पर्व, धार्मिक त्योहार और खेल उपलब्धियों जैसे विषयों पर उनकी रचनाएं लोगों को गहरे स्तर पर सोचने के लिए प्रेरित करती हैं।
मुख्य रूप से बिहार के गंगा तट पर अपनी कला का प्रदर्शन करने वाले मधुरेंद्र कुमार आज रेत के माध्यम से सामाजिक बदलाव की सशक्त आवाज बन चुके हैं। राजगीर महोत्सव में उनकी यह नवीनतम कलाकृति ‘विकसित बिहार’ के सपने को साकार करती प्रतीत हो रही है।
मौके पर बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री अरुण शंकर प्रसाद, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार तथा जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने रेत कलाकार मधुरेंद्र कुमार की इस अद्भुत कलाकृति की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी।




















