[wpdts-weekday-name] [wpdts-day]/ [wpdts-month]/ [wpdts-year] 

अरवल जिला से NDA के प्रचंड जीत पर हुआ आभार सभा एवं सम्मान समारोह का आयोजन कुर्था विधानसभा 215 की महान जनता–मालिकों को शत-शत नमन: पप्पू वर्माएनडीए के ऐतिहासिक जीत पर समर्थकों ने अबीर गुलाल लगाकर बाटी मिठाइयांपूर्वी चंपारण जिला के रक्सौल अनुमंडल शहर बाजार कि दशा दुर्दशानीतीश ने चिराग को गले लगाकर दी जीत की बधाई, सरकार गठन से पहले बड़ी राजनीतिक मुलाकातभाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल का मेहनत रंग लाया, चुनाव परिणाम में मिली चमत्कार मोतिहारी से 12 में 11 विधानसभा एनडीए प्रत्याशी की जीत, वही महागठबंधन से एक ढाका विधानसभा की जीतमतगणना को लेकर रोहतास में स्कूल रहेंगे बंदभारत में बढ़ रहा डाइबिटीज से एक मिलियन लोग प्रभावित सशस्त्र सीमा बल द्वारा निःशुल्क पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन
टॉप न्यूज़बिहारराज्यरोहतास

महिलाओं ने रखा वट सावित्री व्रत, सुनी कथा

रोहतास दावथ संवाददाता चारोधाम मिश्रा की रिपोर्ट

दावथ (रोहतास) सोमवती अमावस्या पर विवाहित महिलाओं ने अपने पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री व्रत किया।

महिलाएं पूजा की थाल लेकर बरगद के पेड़ के नीचे पहुंचीं और वटवृक्ष की पूजा अर्चना करते हुए जल, अक्षत, कुमकुम से पूजा अर्चना की।

इसके बाद लाल मौली धागे से वृक्ष के चारों और घूमते हुए 108 बार परिक्रमा लगाते हुए महिलाओं द्वारा सावित्री की कथा सुनी गई।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पीपल की तरह वटवृक्ष में भी मां लक्ष्मी का वास माना जाता है। कथा अनुसार जब यमराज सत्यवान के प्राण ले जाने लगे तो सावित्री भी उनके पीछे-पीछे चलने लगी थी।

उसकी पति के प्रति निष्ठा को देखकर यमराज ने आज ही के दिन वरदान मांगने को कहा जिस पर सावित्री ने एक वरदान में सौ पुत्रों की माता बनना मांगा और जब उन्हें वरदान दिया तो सावित्री ने कहा कि वह पतिव्रता स्त्री है और बिना पति के मां नहीं बन सकती।

इसका एहसास यमराज को हुआ और उन्हें लगा कि मेरे द्वारा दिए गए वरदान से मैं स्वयं गलती कर बैठा हूं और उन्होंने सत्यवान के प्राण को फिर से वापस उनके शरीर में वापस कर दिया।

पंडित विजय कुमार मिश्र के अनुसार वट वृक्ष की पूजा करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। पति दीर्घायु होते हैं साथ ही जिस स्त्री को पुत्र नहीं होता है उसे पुत्र की भी प्राप्ति हो जाती है।

Check Also
Close