Saturday 28/ 12/ 2024 

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हवन पूजन व विशाल भंडारा के साथ श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ संपन्न

जिसको जपने से मन भर जाए उसी को मंत्र कहते हैं: जीयर स्वामी

रोहतास नोखा संवाददाता मंटू कुमार की रिपोर्ट 

नोखा नगर परिषद अंतर्गत बायपास रोड आक्सन कान्वेंट स्कूल के प्रांगण में परम पूज्य संत श्रीलक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज के सानिध्य में आयोजित 21 दिसंबर से चल रहे श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ गुरुवार को पूजन-अर्चन, हवन, दीक्षारंभ संस्कार एवं विशाल भंडारे के साथ संपन्न हो गया।

महायज्ञ के अतिम दिन श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के परम शिष्य श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने प्रवचन के दौरान लोगों को समझाते हुए कहा कि जिसको जपने से मन भर जाए उसी को मंत्र कहते हैं।

मंत्र का मतलब होता है कि भटकाव से बचाए, गलत मार्ग से बचाए, गंदे कर्मों से बचाए। जिस व्यक्ति के पास जुआ, शराब, वेश्यावृत्ति की प्रवृत्ति बढ़ जाए उसका विनाश निश्चित है।

उसे कोई नहीं बचा सकता । स्वामी जी ने कहा कि जहां की मिट्टी उसर या बंजर हो वहां पर घर मकान नहीं बनाना चाहिए ।

अगर मजबूरी बस उतनी ही भूमि हो तो कम से कम 10 फीट नीचे तक की मिट्टी निकाल कर फेंक देना चाहिए और उसमें दूसरे जगह से उपजाऊ मिट्टी डालकर तब घर बनाना चाहिए, नहीं तो वास्तु दोष लगता है। उस पर कभी भी विकास नहीं हो पाता है।

ना ही लक्ष्मी का वास होता है। जिस प्रकार आधुनिक युग में लोग बुलेट प्रूफ का इस्तेमाल करते हैं। उसी तरह संतों के लिए नारायण कवच है । नारायण कवच धारण करने के बाद उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाता है ।

उस पर हमेशा लक्ष्मी नारायण की कृपा बनी रहती है। यज्ञोपवीत तथा कन्यादान जीवन में एक ही बार होता है।

दुर्भाग्यवश किसी की बच्ची को दोबारा विवाह करना पड़े। तो ऐसे ही कर देना चाहिए कन्या दान नहीं करना चाहिए। मनु महाराज के अनुसार यज्ञोपवित्र का उम्र 8 वर्ष 11 वर्ष 12 वर्ष है।

पराशर महाराज जी के अनुसार दुगना हो गया है 16 वर्ष 22 वर्ष 24 वर्ष। इसी में मुहूर्त के अनुसार यज्ञोपवित करनी चाहिए। जो भी व्यक्ति धर्म से हटकर जीना चाहता है उसका विनाश निश्चित है।

जो धर्म की मयार्दा का पालन नहीं करेगा उसका विकास कभी भी संभव नहीं है। मौके पर प्रवचन के दौरान हजारों हजार श्रद्धालु मौजूद थे।

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