Saturday 18/ 05/ 2024 

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इसके पहले भी वर्दी पर लगे हैं कई दाग, जानिए कौन कौन नप चुका है पहले, कौन गया था जेल

चंदौली जिले में वर्दी पर दाग लगने का कोई यह पहला मामला नहीं है इसके पहले भी चंदौली जिले में इस तरह के दाग लगते रहे हैं।

सकलडीहा कोतवाली से चौकी इंचार्ज जा चुके हैं जेल

मुगलसराय कोतवाली के प्रभारी भी नप चुके हैं पहले

सैयदराजा कोतवाल को गंवानी पड़ी है कुर्सी

चंदौली जिले में वर्दी पर दाग लगने का कोई यह पहला मामला नहीं है इसके पहले भी चंदौली जिले में इस तरह के दाग लगते रहे हैं। सकलडीहा कोतवाली, मुगलसराय कोतवाली, सैयदराजा कोतवाली के लोगों पर ऐसे ही मामले में गाज गिरती रही है।

24 फरवरी 2023 को सकलडीहा कोतवाली इलाके की नईबाजार पुलिस चौकी इंचार्ज भूपेश कुशवाहा को जेल जाना पड़ा था। बताया जा रहा है कि उन्होंने वसूली के लिए एक गैंग बना रखी थी। इस गैंग में पुलिस के उनके कारखासों के साथ साथ आधे दर्जन अन्य लोग शामिल थे, जिसमें से चार लोग अक्सर अपनी चार पहिया गाड़ी में कुछ पुलिस वालों के लेकर सड़क पर अपना शिकार खोजने निकल पड़ते थे। इसी तरह के शिकार के तलाश में उनकी वसूली गैंग के लोग अधिक कमाई वाली जीटी रोड तक जा पहुंचे और वहां से गाड़ियां खींचकर नई बाजार पुलिस चौकी तक लाकर वसूली करने की योजना पर काम करने लगे। लगभग एक साल से चल रहे इस खेल का 24 फरवरी 2023 को भांडा फूट गया और चौकी इंचार्ज भूपेश कुशवाहा को अपने खास दीवान  विनय कुमार यादव के साथ जेल की हवा खानी पड़ी।

इंस्पेक्टर संतोष श्रीवास्तव भी नप चुके हैं

आपको अभी 2 साल पहले 31 दिसंबर 2022 का मामला याद होगा जब मुगलसराय कोतवाली के तत्कालीन इंस्पेक्टर संतोष श्रीवास्तव पर एक जमीन के मामले में रिश्वत लेने का आरोप लगा था और उनका वीडियो वायरल हो गया था। इसके बाद तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने उनको खिलाफ कार्यवाही की थी। मुगलसराय कोतवाली में प्रभारी निरीक्षक रहे संतोष श्रीवास्तव क्षेत्र के कबीरपुर गांव में विवादित जमीन पर चहारदीवारी कराये जाने के एवज में 20 हजार लिये थे। इसका वीडियो वायरल होने पर पुलिस महकमा में हड़कंप मच गया। आनन फानन में बीते 31 दिसंबर 2023 को एसपी ने लाइन हाजिर कर दिया था। लेकिन रसूखदार से संबंध होने के कारण संतोष श्रीवास्तव पर बड़ी कार्रवाई नहीं हुई थी।

इंस्पेक्टर शिवानंद मिश्रा पर भी आरोप

वसूली की वायरल लिस्ट के चक्कर में मुगलसराय कोतवाली में तैनात रहे इंस्पेक्टर शिवानंद मिश्रा का स्थानांतरण आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन लखनऊ के लिए भी कर दिया गया था। इससे पहले मामले की जांच शुरू होने पर एसपी ने उन्हें मुगलसराय कोतवाली से हटाकर पुलिस लाइन भेज दिया था।  25 सितंबर 2020 को वसूली की कथित लिस्ट वायरल हुई थी, जिसमें हर महीने 35.64 लाख रुपये की अवैध वसूली दर्शायी गई थी। लिस्ट वायरल होने के बाद शासन ने 26 सितंबर को सतर्कता  अधिष्ठान को तत्काल मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा था। इस पर सतर्कता अधिष्ठान के संयुक्त निदेशक एलआर कुमार को जांच सौंपी गई। एलआर कुमार ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में इंस्पेक्टर मुगलसराय शिवानंद मिश्र तथा उनके स्टाफ व तीन-चार अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अवैध वसूली किए जाने की पुष्टि की।

इसके अलावा 27 फरवरी 2020 को अलीनगर थाना क्षेत्र की जफरपुर पुलिस चौकी के तत्कालीन प्रभारी अवधेश सिंह के द्वारा भी मारपीट की एक मुकदमे में रिश्वतखोरी करने का मामला संज्ञान में आया था, जिसके बाद उनके खिलाफ कार्यवाही की गई थी।

इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश सिंह भी नपे

इसके अलावा 2023 में सैयदराजा थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश सिंह को भी पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल के द्वारा हटाया गया था क्योंकि बालू लदे ट्रकों के जारी होने वाली वसूली में एक सिपाही और उनका नाम आया था। बालू के ट्रैकों से वसूली के ऑडियो के वायरल होने के बाद सिपाही और सत्य प्रकाश सिंह के ऊपर कार्यवाही की गई थी । सत्य प्रकाश सिंह को सैयदराजा की थानेदारी छोड़नी पड़ी थी।

चौकी इंचार्ज भूपेश कुशवाहा का ऐसा रहा है इतिहास, जानिए वसूली की पूरी कहानी

जानकारी में बताया जा रहा है कि ₹100000 रिश्वत लेकर 7 पशु तस्करों को देशी शराब का केस बनाकर थाने से ही जमानत देने के मामले में पुलिस क्षेत्राधिकारी चकिया के द्वारा जब जांच की गई तो मामले में दूध का दूध पानी का पानी हो गया। इसीलिए पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अनिल कुमार ने सीओ चकिया आशुतोष तिवारी के नेतृत्व में चकिया कोतवाल अतुल प्रजापति और रामपुर भभौरा पुलिस चौकी के इंचार्ज अभिनव गुप्ता को भेज कर चकरघट्टा के थाना प्रभारी सुधीर कुमार आर्या गिरफ्तारी करने की फुल प्रूफ योजना बनाई। 

जानकारी में बताया जा रहा है कि ₹100000 रिश्वत लेकर 7 पशु तस्करों को देशी शराब का केस बनाकर थाने से ही जमानत देने के मामले में पुलिस क्षेत्राधिकारी चकिया के द्वारा जब जांच की गई तो मामले में दूध का दूध पानी का पानी हो गया। इसीलिए पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अनिल कुमार ने सीओ चकिया आशुतोष तिवारी के नेतृत्व में चकिया कोतवाल अतुल प्रजापति और रामपुर भभौरा पुलिस चौकी के इंचार्ज अभिनव गुप्ता को भेज कर चकरघट्टा के थाना प्रभारी सुधीर कुमार आर्या गिरफ्तारी करने की फुल प्रूफ योजना बनाई। 

इसी के चलते थाना प्रभारी सुधीर कुमार को सुबह 9:00 बजे उनके सरकारी आवास से लोअर में ही पड़कर लॉकअप में डाल दिया गया है। हालांकि उनकी गिरफ्तारी के बाद काफी देर तक पुलिस में इस मामले को दबाए रखा, लेकिन जैसे ही यह बात मीडिया में लीक हुई तो आनन-फानन में अपर पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन अनिल यादव को बयान जारी करके मामले की जानकारी देनी पड़ी।

लगभग सच्ची निकली कोतवाल मिश्राजी की ‘वसूली लिस्ट’, भेजे दिए गए लखनऊ

 

इस मामले में गिरफ्तार सुधीर कुमार आर्य को पुलिस टीम ने नौगढ़ सीएचसी पर मेडिकल के बाद वाराणसी स्थित एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया, जहां पर उनके द्वारा मामले में जमानत मांगी गई, लेकिन भ्रष्टाचार निवारण संगठन के न्यायाधीश में उनकी दलीलों को दरकिनार करते हुए जमानत नामंजूर कर दी और उनको न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

वसूली मामले में नप गए इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश सिंह, एसपी ने कर दिया लाइन हाजिर…

 

चंदौली ब्यूरो चीफ – नितेश सिंह यादव की रिपोर्ट

 

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