ABVP की पहल से अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र के लोगों को मिल रहा पानी, जनप्रतिनिधि मौन : सूरज बरनवाल

जमुई जिला ब्यूरो बिरेंद्र कुमार की रिपोर्ट
वर्तमान समय में गर्मी अपने चरम सीमा पर पहुंच चुका है,जिससे जल संकट गहराता जा रहा है। झाझा प्रखंड के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र बाराकोला पंचायत के मयूरनाचा गांव के लगभग छः दर्जन से अधिक जनजातीय समुदाय के परिवारों को जल संकट जैसी बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी विकट परिस्थिति में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता मसीहा बनकर पदाधिकारियों से वार्ता स्थापित कर उक्त गांव में पानी मुहैया कराने का कार्य कर रहे हैं।
सोमवार की संध्या 07 बजे जैसे ही एबीवीपी के कार्यकर्ता पानी के टैंकर के साथ गांव पहुंचे,महिला बूढ़े बच्चे सभी के चेहरे पर मानो उम्मीद की किरण जाग गई और बाल्टी, तसला, तथा अन्य बर्तन पात्र के साथ नंबर लगाकर पानी लेने की अपनी बारी का इंतजार करते दिखे।
दक्षिण बिहार प्रांत एसएफडी सह संयोजक सूरज बरनवाल ने कहा कि जब आजादी का 76 वर्ष पूर्ण कर हम लोग आगे बढ़ रहे हैं परंतु फिर भी इस गांव में अब तक पानी की सुविधा नहीं मिल पाना सरकार की सारे दावों को विफल होता दर्शाता है। इस गांव में अबतक नलजल योजना भी नहीं पहुंची है।
उन्होंने आगे कहा कि प्रखंड विकास पदाधिकारी रवि जी एवं पीएचईडी विभाग का धन्यवाद जो एबीवीपी के आग्रह पर इस पहल को हरी झंडी दिखाया।साथ ही तेज तर्रार जिलाधिकारी राकेश कुमार को ध्यावद ज्ञापित करता हूं कि इस चिलचिलाती धूप में भी जिले के सुदूर वर्ती इलाकों में जाकर नायक की शैली में लोगों की समस्या का समाधान कर रहे है।
एबीवीपी जिला सोशल मीडिया संयोजक कार्तिक कुसुम यादव ने कहा कि एक तरफ जहां इसरो के चंद्रयान-1 मिशन ने चंद्रमा की सतह पर पानी की खोज की है। यह देश की वैज्ञानिक प्रगति और मानवता के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
वहीं दूसरी तरफ हमारे देश के कई सुदूरवर्ती इलाकों में लोग पानी की बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मयूरनाचा जैसे इलाकों में लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। यह विरोधाभासपूर्ण तस्वीर देश के लिए चिंताजनक है।
मौके पर नगर कार्यकारिणी सदस्य चिंटू कुमार,मीना देवी, छोटकी मुर्मू, बड़की सोरेन, रमेश हस्दा, राजू हस्दा, वासुदेव हस्दा,मंझली बेसरा सहित दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे।