Sunday 15/ 06/ 2025 

Dainik Live News24
महाप्रबंधक (GM) छत्रसाल सिंह ने हाजीपुर के रेल आवासों का (रेलवे कॉलोनी) का निरीक्षण कर सुविधाओं का लिया जायजासदस्यता अभियान को गति देने मध्य प्रदेश के चार दिवसीय दौरे पर रहेंगे अपना दल (एस) प्रदेश प्रभारी आर. बी. सिंह पटेलविश्व बाल श्रम निषेध दिवस एवं ग्रामीण प्रशिक्षण शिविर का हुआ आयोजनमंत्री जमाखान का हुआ भव्य स्वागतजिलाधिकारी ने महनार में बाढ़ पूर्व तैयारियों का किया निरीक्षण, दिए आवश्यक निर्देशनरेंद्र मोदी जी के खंड काल में हर योजना का केंद्र बिंदु है “गरीब” :- अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय राज्य मंत्री बीस सूत्री की पहली बैठक में आयोजित, कई पदाधिकारी रहे गायबसाप्ताहिक हनुमान चालीसा एवं महाआरती का आयोजनजिलाधिकारी ने होमगार्ड बहाली प्रक्रिया का किया निरीक्षणएफएलसी कार्य का निरीक्षण करने वेयरहाउस पहुंचीं जिलाधिकारी वर्षा सिंह
टॉप न्यूज़बिहारराज्यरोहतास

महिलाओं ने रखा वट सावित्री व्रत, सुनी कथा

रोहतास दावथ संवाददाता चारोधाम मिश्रा की रिपोर्ट

दावथ (रोहतास) सोमवती अमावस्या पर विवाहित महिलाओं ने अपने पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री व्रत किया।

महिलाएं पूजा की थाल लेकर बरगद के पेड़ के नीचे पहुंचीं और वटवृक्ष की पूजा अर्चना करते हुए जल, अक्षत, कुमकुम से पूजा अर्चना की।

इसके बाद लाल मौली धागे से वृक्ष के चारों और घूमते हुए 108 बार परिक्रमा लगाते हुए महिलाओं द्वारा सावित्री की कथा सुनी गई।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पीपल की तरह वटवृक्ष में भी मां लक्ष्मी का वास माना जाता है। कथा अनुसार जब यमराज सत्यवान के प्राण ले जाने लगे तो सावित्री भी उनके पीछे-पीछे चलने लगी थी।

उसकी पति के प्रति निष्ठा को देखकर यमराज ने आज ही के दिन वरदान मांगने को कहा जिस पर सावित्री ने एक वरदान में सौ पुत्रों की माता बनना मांगा और जब उन्हें वरदान दिया तो सावित्री ने कहा कि वह पतिव्रता स्त्री है और बिना पति के मां नहीं बन सकती।

इसका एहसास यमराज को हुआ और उन्हें लगा कि मेरे द्वारा दिए गए वरदान से मैं स्वयं गलती कर बैठा हूं और उन्होंने सत्यवान के प्राण को फिर से वापस उनके शरीर में वापस कर दिया।

पंडित विजय कुमार मिश्र के अनुसार वट वृक्ष की पूजा करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। पति दीर्घायु होते हैं साथ ही जिस स्त्री को पुत्र नहीं होता है उसे पुत्र की भी प्राप्ति हो जाती है।

Check Also
Close