जमुई जिला ब्यूरो बिरेंद्र कुमार की रिपोर्ट
- झाझा थाने के लोकप्रिय थाना अध्यक्ष राजेश शरण द्वारा गौ तस्करी के लिए जा रही गायों को किया था झाझा गौशाला के हवाले।
- अभी तक समाज सेवियों, व्यापारियों की आर्थिक मदद से चल रहीं हैं गौशाला।
- आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया वाला हाल है गौशाला का।
- बिना सरकारी मदद मिले गौशाला का उत्थान संभव नहीं।
- कमिटी चाहती है कि जल्द ही कमिटी का हो विधिवत गठन?
10 महीने से चर्चा का विषय बने हुए श्रीकृष्ण गौशाला झाझा सनातन धर्मावलंबियों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है।लगभग 26 वर्षों से बंद पड़े गौशाला में प्रशासन के सहयोग से गुलजार हो उठा।
झाझावासियो एवं परदेश में रह रहे झाझा प्रेमियों व गौ प्रेमियों द्वारा लगातार आर्थिक सहयोग से गौशाला का धीमे गति से विकास हो रहा है।
परंतु अब तक श्री कृष्ण गौशाला झाझा का चुनाव नहीं होने के कारण गौशाला सरकार की नजर में और क्रियाशील है।
तथा गौशाला और अक्रियाशील रहने के कारण किसी भी प्रकार का सरकारी वित्त अब तक प्राप्त न होने की वजह से गौप्रेमियों में भूरी भूरी नाराजगी देखने को मिल रहा है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दक्षिण बिहार एसएफडी सह संयोजक सूरज बरनवाल ने पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री बिहार सरकार श्रीमति रेणु देवी से टेलीफोनिक वार्ता कर श्रीकृष्ण गौशाला झाझा की वर्तमान स्थिति से अवगत कराते हुए अविलंब कार्यवाही करते हुए चुनाव करने का आग्रह किया। मंत्री रेणु देवी ने आश्वाशन दिया कि चुनाव प्रक्रिया को जल्द ही पूर्ण किया जाएगा।
गौभक्त सोनू बरनवाल,अनिल बरनवाल,टिल्लू बंका, अनूप केशरी, श्रवण बरनवाल आदि ने एक प्रतिनिधिमंडल बनाकर मंत्री महोदया से भेंट करने की बात कही।