जमुई गिद्धौर से रोहित कुमार की रिपोर्ट
गिद्धौर प्रखण्ड सह अंचल कार्यालय में मौरा बालू घाट के बंदोबस्ती के लिए मौरा बालू घाट के आसपास के राजस्व गाँवो के लोगो और जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के अध्यक्षता में लोक सुनवाई होना था कि बालू उठाव से उत्पन्न होने वाले पर्यावरण संकट पर चर्चा होने था। जनता की विचारों का वीडियो रिकॉर्डिंग कर विभाग को भेजना था ।
लेकिन बालू ठीकेदार का शासन और प्रशासन पर मजबूत पकड़ के वजह से जनता को इस लोक सुनवाई कार्यक्रम में जनता की भागीदारी नही हो इसके लिये प्रशासन के तरफ से सारी बंदोबस्त किया गया।
यह तक कि गिद्धौर अंचल कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर भी इस बैठक की सूचना नही लगाया गया ।मोरा बालू घाट के आसपास के गांवों के लोगो को भनक तक नही लगने दिया गया।
ठीकेदार ओर पदाधिकारी के आपसी सहमेल की कहानी तब औऱ प्रमाणित हो जाता जब इस बैठक की जानकारी को लेकर भाकपा माले नेता बाबू साहब सिंह ने दूरभाष से गिद्धौर के अंचलाधिकारी आरती भूषण से जब फोन कर बैठक की सूचना पूछते है तो वह साफ साफ शब्दों में कहते हुए पाए जाते है कि इस तरह की बैठक अंचल सभागार में नही है।
गिद्धौर के माइनिंग इंसक्पेक्टर मिथुन कुमार तो कहते है कि हमे मालूम नही है बैठक के बारे में और तो और हम गिद्धौर में पोस्टेड भी नही हुँ ।जबकि वो भी इस बैठक में मुँह छुपाए पाये गए।
इस तरह के नुका छुपी का खेल कर बैठक से लोगो को दिग्भ्रमित कर बैठक से जनता को अलग रखना और ठेकेदार अपने मुंसी को बैठा कर लोक सुनवाई कार्य को पूरा करना।
करना सग्गिंन अपराध और भ्रष्टाचार को जन्म देता है ।जनता को पदाधिकारी द्वारा सूचना नही देना और उल्टे उसे दिग्भ्रमित कर सुनवाई कार्य पूरा करने वाले पदाधिकारी को बर्खास्त किया जाना चाहिए।
और बैठक में शामिल होने वाले लोगो के गाँव और प्रखण्ड की सूचना प्रकाशित करे ।
जनता को बैठक से दिग्भ्रमित करने वाले पदाधिकारी पर कठोर करवाई नही होगा तो इसके खिलाफ किसान सड़क पर इन सारे सवालों को उठाते हुए आंदोलन को तेज करेंगे।
वही किसान नेता कुणाल सिंह मौरा बालू घाट बन्दोबती की सूचना ग्रामीणों को नही देना लोक सुनवाई की बैठक का सूचना नोटिस बोर्ड पर नही होना।
पदाधिकारी और ठेकेदार के सहमेल को दरसाता है इसको लेकर जिला पैमाने पर बड़ी आंदोलन किया जाएगा।