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श्रीराम कथा की ग्यारहवीं वर्षगांठ पर उमड़ी साधु संतो की भीड़

बेतिया मैनाटांड संवाददाता अक्षय कुमार आनंद की रिपोर्ट 

मैनाटाड़ प्रखंड मुख्यालय से सटे रमपुरवा गांव स्थित बेलवाडीह माई स्थान परिसर में रविवार को श्रीराम कथा का ग्यारहवां वर्षगांठ मनाया गया।

इस कार्यक्रम में प्रखंड मुख्यालय सहित दूरदराज के साधु संतों की गरिमामय उपस्थिति रहीं। कार्यक्रम का संचालन बेलवाडीह माई स्थान के पुजारी बाबा नारायण दास ने किया।

वही मौके पर मौजूद डॉ शशांक भारद्वाज ने श्रीराम कथा के ग्यारहवें वर्षगांठ के कार्यक्रम में पहुंचे साधु संतों को अंग वस्त्र पहना कर सम्मानित किया।उन्होंने कहा कि साधु संतों व बड़ों का सम्मान करने वाले लोग ही समय-समय पर महान बने हैं।

समाज को मुख्य धारा से जोड़ने और मानव जाति को आइना दिखाने में साधु-संतों की अग्रणी भूमिका है। हमे सभी को साधु संतों का आदर सम्मान करना चाहिए।वही बाबा नारायण दास ने भक्ति के महत्व पर प्रकाश डाला।

भक्तों को बताते हुए कहा कि हमें जरूर प्रतिदिन अपनी दिनचर्या शुरू करने से पहलें प्रभु के समक्ष नतमस्तक होना चाहिए। जीवन में गुरु का अहम महत्व है, क्योंकि गुरु ही यह बता सकते हैं कि किस तरह से धर्म मार्ग पर चल कर हम मोक्ष तथा शांति की प्राप्ति कर सकते हैं।वह गुरु हमारे साधु संत भी हैं।

उन्होंने प्रभु श्रीराम जी की जीवनी पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए अपने जीवन में आत्मसात करने पर बल दिया।मौके पर बाबा परमानंद दास,अमृत दास, कृष्णा दास, अशोक दास,नीरज कुमार विद्यार्थी, सुनील कुमार, अजीत कुमार उर्फ योगी आदि मौजूद रहें।

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