[wpdts-weekday-name] [wpdts-day]/ [wpdts-month]/ [wpdts-year] 

शिवहर लोकसभा क्षेत्र में विभिन्न बुनियादी सड़कों को लेकर संसद लवली आनंद ने सड़क परिवहन मंत्री से की मुलाकातरोड एक्सीडेंट में अज्ञात व्यक्ति का शव बरामदउद्योग एवं पथ निर्माण मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल के प्रभारी मंत्री बनने से भागलपुर के विकास में आयेगी तेज़ी: – डॉ अरविन्द वर्मा, चेयरमैनभाजपा के नए राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष के बनने से पार्टी होगी मजबूत: रमेश चौहानआधा दर्जन शराब भट्टियों को किया ध्वसत, पांच हजार लीटर महुआ नष्टप्रबोध जन सेवा संस्थान के द्वारा ठंड से बचने गरीबों और असहायों के बीच किया गया कंबल वितरणसड़क अतिक्रमण मुक्त होने व अवारा पशुओं के कारण वाहन दुर्घटना में होने लगी वृद्धि सिसवा पंचायत के मुखिया तान्या प्रवीण द्वारा कराया गया रक्तदान शिविर का आयोजनरेल आंदोलन के सूत्रधार मुख्य संयोजक मनोज सिंह यादव ने चलवाया हस्ताक्षर अभियानमग विद्वत परिषद देव धाम की बैठक में 2026 के कार्यक्रमों पर मंथन
जमुईबिहारराज्य

जमुई कोर्ट में अपराधी परिवीक्षा अधिनियम पर कार्यशाला का हुआ आयोजन

जमुई से सदानन्द की रिपोर्ट

जमुई जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में व्यवहार न्यायालय परिसर स्थित न्याय सदन के प्रशाल में अपराधी परिवीक्षा अधिनियमन 1958 के विभिन्न प्रावधानों के सफल क्रियान्वयन एवं जन साधारण के मध्य प्रचार-प्रसार हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया।
जिला जज ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है जहां अपराधी परिवीक्षा अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए 15 जून 1989 को नियमावली अधिसूचित की गई। यह हितकारी अधिनियम वर्तमान समय में पूरे राज्य में सुचारू रूप से लागू है।

उन्होंने परिवीक्षा को परिभाषित करते हुए कहा कि इसके तहत अपराधी को जेल में समय बिताने के अलावे अन्य तरीकों से अपने अपराध के लिए भुगतान करना पड़ता है। यह अधिनियम शौकिया या पहली बार अपराध करने वाले लोगों को सुधार के लिए एक रास्ता प्रदान करता है।

परिवीक्षा या सम्यक चेतावनी के पश्चात अपराधियों की रिहाई तथा उससे संबंधित विषयों का उपबंध करने के लिए यह एक विधि है। उन्होंने इस कानून का व्यापक प्रचार- प्रसार किए जाने की जरूरत बताते हुए कहा कि समाज के हर तबके के लोग जब इससे वाकिफ होंगे तभी यह प्रभावकारी साबित होगा। श्री सिंह ने जागरूकता कार्यशाला आयोजन के लिए आयोजकों की तारीफ की।

अपर समाहर्त्ता सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी राम दुलार राम ने कहा कि अपराधी परिवीक्षा अधिनियम 1958 अपराधियों को परिवीक्षा पर या उचित निंदा के बाद छोड़ दिए जाने के साथ अन्य संबद्ध बातों के लिए उपबंध करने हेतु अधिनियम है। उन्होंने इसे जन-जन तक पहुंचाए जाने की बात कही।

इस कार्यक्रम में परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश विकास कुमार , सत्यनारायण शिवहरे , कमला प्रसाद , पवन कुमार , राकेश रंजन , अमरेंद्र कुमार , अतुल कुमार आदि न्यायिक पदाधिकारियों ने कार्यशाला में उपस्थिति दर्ज की और अधिनियम के मूल स्वरूप को आत्मसात किया।
परिविक्षा पदाधिकारी सीमा कुमारी , डॉ. नसीम आदि ने कार्यशाला के आयोजन में अग्रिम भूमिका निभाई।

Check Also
Close