
सोनो जमुई संवाददाता चंद्रदेव बरनवाल की रिपोर्ट
राष्ट्रीय खुशी दिवस पर गुरुवार को पर्यावरण भारती द्वारा एक दर्जन से अधिक फलदार वृक्ष लगाये गये । जिसमे आम , जामुन , कटहल , ऑवला , लीची तथा अमरुद आदि शामिल थे ।
पर्यावरण भारती के संस्थापक राम बिलास शाण्डिल्य ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हेतु वृक्षारोपण अभियान ही एकमात्र उपाय है । इसी से पर्यावरण संतुलन संभव है।
दूसरा कोई उपाय नहीं है । उन्होंने कहा कि यदि मानव एक हरे पेड़ काटते हैं तो पांच नये पौधे जरुर लगायें , अन्यथा भविष्य अंधकारमय हो जायेगा ।
श्री शाण्डिल्य ने बताया कि आठ अगस्त को राष्ट्रीय खुशी दिवस है । इसकी स्थापना 1998 में सीक्रेट सोसायटी ऑफ हैप्पी पीपुल्स के द्वारा हुआ था । इसका उद्देश्य केवल खुशी मनाना है ।
असीमित मात्रा में खुशी मनाना , खुशियाँ बाँटना ओर दूसरों के जीवन में ढेर सारी खुशियाँ लाने का दिन राष्ट्रीय खुशी दिवस हो ।
विदेशी चिन्तक राल्फ वाल्गे इमर्सन ने एक बार कहा था हर मिनट जब आप गुस्से में होते हैं तो आप खुशी के 60 सेकेंड खो देते हैं ।
एक विचारणीय बिषय यह है कि हमारे बुरे दिन हमें किसी दुसरे व्यक्ति की खूशी को कुचलने का अधिकार नहीं देता है ।
क्योंकि उनकी मुस्कान हमें मुस्कुराने पर मजबूर कर सकती है । यदि आप खुश हैं तो दूसरों को भी खुश कर सकते हैं । मधुमेह या डायबीटीज बीमारी हमेशा उदास रहने से होता है ।
अतः हमेशा खुश रहना ही जीवन का असली आनंद है । मानव के जीवन में खुशी लाने के लिए ही राष्ट्रीय खुशी दिवस मनाया जाता है । ऐसे सुअवसर पर पौधारोपण स्मरणीय कार्य है ।
पर्यावरण भारती के पौधारोपण कार्यक्रम में रागिनी देवी , गुड़िया कुमारी , गीता देवी , शैलेन्द्र कुमार , सुधीर कुमार सिन्हा , सुमित कुमार , राघव कुमार , मनोज कुमार आदि लोग शामिल थे ।




















