
सोनो जमुई संवाददाता चंद्रदेव बरनवाल की रिपोर्ट
सावन मास की पुर्णीमा तिथि को दुनिया भर में भारतीय समुदायों के बीच मनाया जाने वाला भाई ओर बहनों का महत्वपूर्ण त्योहार रक्षा बंधन हर्षोल्लास के साथ मनाया गया है ।
बहनों द्वारा अपने भाईयों को अच्छत ओर चंदन का तिलक लगाकर आरती उतारते हुए उनके कलाई मे रंग बिरंगी रक्षा सुत्र बांधकर एवं मिठाईयाँ खिलाकर दिर्घायु होने का कामना की । वहीं भाईयों ने भी अपनी बहनों को उपहार भेंटकर सदैव रक्षा करने का वचन दिया ।
रक्षा बंधन के इस पावन त्योहार पर बाइक पर सवार होकर रक्षा सुत्र बांधने अपने भाईयों के यहाँ जा रही बड़ी संख्या में वाहन को सड़कों पर रेंगते हुए देखा गया है ।
वहीं रंग बिरंगी राखियों से सजी दुकानें एवं मिस्टान भंडारों पर बड़ी संख्या में बहनों की भीड़ मिठाईयाँ खरीदने के लिए देखी गई है । प्रेम , सम्मान ओर एकजुटता के मुल्यों के प्रतिक रक्षा बंधन का यह त्योहार किसी पर्वों से कम नहीं है ।
इस पर्व के मौके पर बहनों ने अपने भाई की कलाई पर रक्षा सुत्र बांधकर लंबी उम्र की कामना की , वहीं भाईयों ने अपनी बहनों को उपहार देकर सदेव रक्षा करने एवं किसी भी नुकसान ओर विपत्ति से बचाने का वादा किया ।
लिहाजा भाई ओर बहनों के हर सुख ओर दुख में एक दुसरे की देखभाल करने की आजीवन वादे का प्रतीक यह त्योहार माना गया है ।
पौराणिक कथाओं के अनुसार द्रोपदी ने घायल भगवान श्रीकृष्ण को शाड़ी का पल्लू फाडकर उनकी कलाई मे बांधी थी । तभी से यह रक्षा बंधन का त्योहार हर्षोल्लास पुर्वक मनाया जाने लगा है ।




















