रोहतास दावथ संवाददाता चारोधाम मिश्रा की रिपोर्ट
दावथ (रोहतास) हरितालिका तीज व्रत 6 सितंबर को अमृत योग और हस्त नक्षत्र में मनाया जाएगा। इस अवसर पर महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-सौभाग्य के लिए व्रत रखती हैं, जबकि कुछ कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना करती हैं।
आचार्य पंडित मनोरंजन तिवारी के अनुसार, यह व्रत भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है और इसे निर्जला व्रत माना जाता है।
जिसमें महिलाएं पूरे दिन बिना अन्न-जल के उपवासी रहती हैं। तृतीया तिथि 5 सितंबर को दोपहर 12बजकर 21मिनट से 6 सितंबर को दोपहर 3:01 तक रहेगा।
उदया तिथि में तृतीया तिथि होने के कारण हरितालिका तीज व्रत 6 सितंबर को मनाई जाएगी।पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए यह व्रत किया था।
जिससे यह परंपरा शुरू हुई। महिलाएं इस दिन नए वस्त्र पहनकर सुहाग की प्रतीक सामग्री जैसे मेहंदी, चूड़ी, बिंदी, और सिंदूर से साज-श्रृंगार करती हैं और शिव-पार्वती की पूजा करती हैं।
रातभर जागरण और बेलपत्र, धतूरा, अक्षत, व फूलों से पूजा की जाती है। हरितालिका तीज व्रत माता पार्वती की भक्ति और तपस्या को दर्शाता है।