
रोहतास दावथ संवाददाता चारोधाम मिश्रा की रिपोर्ट
दावथ (रोहतास) दावथ स्थित नया बाजार श्री दुर्गा पूजा समिति के प्रांगण मे शारदीय नवरात्र के पांचवे दिन माँ दुर्गा के पाँचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा अर्चना विधि विधान के साथ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच किया गया।
वहीं मातारानी को केला, मिश्री, खीर इत्यादि का भोग लगाया गया।आरती वंदन की गई, जयकारे लगाये गए।वहीं संध्या आरती मे सैकडों श्रद्धालुओ ने भाग लेकर आरती वंदन किया।
वहीं पण्डित चारोंधाम मिश्रा ने माँ के स्वरूपों का वर्णन करते हुए कहा कि माँ स्कन्द मोक्ष के द्वार खोलने वाली परम सुखदायी हैं।माँ ममता स्वरूप हैं।
नवरात्रि का पाँचवे दिन स्कंदमाता की उपासना करने से माँ अपने भक्त के सारे दोष और पाप दूर कर देती है और समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती हैं। भगवान स्कंद अर्थात कार्तिकेय की माता होने के कारण इन्हें स्कन्दमाता कहते है।

भगवान स्कंद ‘कुमार कार्तिकेय’ नाम से भी जाने जाते हैं। ये प्रसिद्ध देवासुर संग्राम में देवताओं के सेनापति बने थे। पुराणों में इन्हें कुमार और शक्ति कहकर इनकी महिमा का वर्णन किया गया है।
इन्हीं भगवान स्कंद की माता होने के कारण माँ दुर्गाजी के इस इस पाँचवें स्वरूपको स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है।




















