
रोहतास दावथ संवाददाता चारोंधाम मिश्रा की रिपोर्ट
दावथ (रोहतास): वर्तमान में एकल परिवार होने के कारण लोग अपनी-अपनी जिम्मेदारी में व्यस्त हैं। ऐसे में नाट्य विधा और रंगमंच की भूमिका महत्वपूर्ण है। हमारा दायित्व है कि हम युवाओं को अपनी देश की संस्कृति और परंपराओं को नाटक के माध्यम से बताएं।
नाटक केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं, बल्कि इससे युवाओं को बेहतर शिक्षा के साथ संस्कार और परंपराएं जानने का अवसर मिलता है। इससे युवा परंपराओं के साथ आदर, प्रेम की शिक्षा ग्रहण करते हैं।
यह बात बभनौल पैक्स के पूर्व अध्यक्ष बिक्की चौबे ने छठ पूजा के अवसर पर नाटक अचरा के भीख नाटक के उद्घाटन के दौरान कहा। आगे उन्होंने ने कहा कि नाटक किसी भी किस्से और घटना को बताने का सशक्त माध्यम है।
कहा जाता है कि प्राचीन समय में भरत मुनि ने नाट्य शास्त्र की रचना की। इसमें सभी जाति धर्म के लोग शामिल थे।
मौके पर मुखिया राधा मोहन सिंह, बीर बहादुर पासी, कामेश्वर चौधरी,गुड्डू सिंह, गोधन सिंह,मनोज राम, अनिल यादव, शिवजी रवानी, कमलेश चौधरी, जितेंद्र पासवान, सुरेन्द्र पासवान, शिवशंकर दुबे,गुड्डू चौबे,चंदन चौबे, सहित कई लोग उपस्थित थे।