Tuesday 22/ 04/ 2025 

Dainik Live News24
अनुमंडल पदाधिकारी अरेराज ने किया रेल निर्माण कार्य का निरीक्षणहोमगार्ड बहाली के लिए मोतिहारी डीएम ने किया भौतिक निरीक्षणकच्चे व खपरेल मकान गिरने से दबकर पत्नी की मौत, पति घायलमानिकपुर पंचायत का लोकल सम्मेलन हुआ संपन्नबांग्लादेश के शासक और पश्चिमी बंगाल के मुख्यमंत्री का फुका गया पुतलादिन दूनी रात चौगुनी से बिहार में हो रहा है विकासक्रिकेट टुर्नामेंट के सेमीफाइनल मैच में पिपरा ने पड़रिया को हरायाछह लीटर चुलाई शराब के साथ धंधेबाज गिरफ्तारनोखा में हुई महिला संवाद कार्यक्रम आयोजितबिहार को उत्कृष्ट राज्य बनाने को एनडीए सरकार संकल्पित:- डॉ दिलीप जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा
बिहारराज्यरोहतास

अक्षय आंवला नवमी के शुभ अवसर पर आंवला वृक्ष के नीचे उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

रोहतास दावथ संवाददाता चारोधाम मिश्रा की रिपोर्ट 

दावथ( रोहतास): प्रखंड क्षेत्र के कई जगहों पर आंवला वृक्ष के हर्षोल्लास के साथ पूजा अर्चना की गई। इस दिन आवला के पेड़ में सूत बांधकर परिक्रमा लगाई जाती है, शास्त्र मान्यता के अनुसार आवला के पेड़ में भगवान विष्णु का वास है, आवला के वृक्ष की पूजा से मनचाहा फल प्राप्त होता है माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

आचार्य पंडित मनोरंजन तिवारी उर्फ लप्पु बाबा ने बताया कि पद्म पुराण के अनुसार आवाले का वृक्ष साक्षात विष्णु का ही स्वरूप माना गया है, कहते हैं आंवला नवमी के दिन इसकी पूजा करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आंवला वृक्ष के मूल में भगवान विष्णु, ऊपर ब्रह्मा स्कंध में रुद्र शाखों में मुनीगढ़ पत्तों में बसु फूलों में मारुदगढ़ और फलों में प्रजापति का वास होता है।

इसकी उपासना करने वाले व्यक्ति को धन विवाह संतान दांपत्य जीवन से संबंधित समस्या खत्म हो जाती है। आवला की पूजा करने से गोदान करने के सामान्य फल मिलता है।

सुख समृद्धि और देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अक्षय नवमी का दिन बहुत उत्तम फलदाई माना गया है आंवला नवमी के दिन जप तप व्रत उपवास स्नान तर्पण प्रभु विग्रह के दर्शन आदि का अक्षय फल होता है। इसी कारण इसको अक्षय नवमी कहते हैं।

Check Also
Close