
रोहतास दावथ संवाददाता चारोधाम मिश्रा की रिपोर्ट
काराकाट / दावथ (रोहतास)। नगर पंचायत काराकाट के बाद गांव में आयोजित 25 कुड़िया श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के चौथे दिन अपने प्रवचन के दौरान जीयर स्वामी जी महाराज ने कहा कि धर्म के अभाव में सुख शांति संभव नहीं है।
संसार में खुशहाल जीवन यापन के लिए धर्म के साथ जुड़ना ही होगा। इसके अभाव में व्यक्ति दुखी और दुराचारी होता है।
अशुभ और सुबह की संकट के संदर्भ में उन्होंने कहा कि कुत्ता बिल्ली आदि जानवरों की चित्रकार होने पर निश्चित ही अमंगल होने की संभावना बनती है। भले ही वह आपके साथ ना हो परंतु आपके किसी न किसी करीबी के साथ निश्चित रूप से होगा।
परंतु कुछ लोग इसे नहीं समझ पाते। इस तरह नकारात्मक विचार वाला व्यक्ति धर्म को नहीं समझ पाता। आगे उन्होंने बताया कि पुरुषार्थ और परमार्थ के लिए व्यक्ति को उत्तम विचार, उत्तम आचरण एवं शास्त्र के अंतर्गत जीवन यापन करना चाहिए।
व्यक्ति का व्यवहार सही रहने पर ही व्यवहारिक बातों को समझ सकता है। नारद- व्यास संवाद के अंतर्गत स्वामी जी ने कहा कि कर्म का फल किसी न किसी रूप में व्यक्ति को प्राप्त होता है।
परंतु यह आवश्यक नहीं की व्यक्ति के अच्छे और बुरे कर्मों का फल तुरंत प्राप्त हो। समय के साथ इनके परिणाम प्राप्त होते हैं।
इसलिए सदैव अच्छे कर्म करने का उन्होंने निवेदन किया। इसके साथ ही वेद और उपनिषद से कई उदाहरण को रखते हुए व्यक्ति को धर्म के साथ जीवन यापन करने का उपदेश दिया।