जमुई / सोनो संवाददाता चंद्रदेव बरनवाल की रिपोर्ट
तिलकुट की खुशबू ने मकर संक्रांति के आगमन का आगाज कर दिया है । प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी सोनो बाजार ओर चोक चौराहों पर तिलकुट की दुकानें पुरी तरह सज गई है।
उक्त सभी तिलकुट की दुकानों पर बैठे कारीगरों द्वारा गुड़ ओर चीनी से तैयार किए जा रहे तिलकुट की सुगंध ने लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है । जहाँ पर लोग अपने घरों के लिए कुछ ना कुछतिलकुट की खरिदारी कर रहे हैं ।
वैसे तो मकर संक्रांति का त्यौहार आने मे अभी दो सप्ताह से अधिक का समय शेष बाकी है , लेकिन कारीगरों द्वारा तैयार किया जा रहा गुड़ ओर चीनी से बनी ताजी तिलकुट की सुगंध महकने लगी है ।
वैसे तो मान्यता अनुसार मकर संक्रांति का त्यौहार भगवान भास्कर सुर्य के लिए मनाया जाता है । क्योंकि इसी दिन से बसंत ऋतु का आगमन ओर नई फसलों की कटाई प्रारंभ होती है ।
इसके अलावा ऐसी मान्यता है कि 14 जनवरी को सुर्य मकर रेखा पर आ जाते हैं जिस कारण इस दिन मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है ।
कभी कभी तो यह त्यौहार एक दिन पुर्व 13 जनवरी को एवं कभी एक दिन बाद 15 जनवरी को मनाया जाता है । इस त्यौहार मे लोग सुबह उठकर स्नान करने के उपरांत दान पुन्य कर तील का सेवन करते हैं ।
ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन भगवान सुर्य अपने पुत्र शनिदेव से मिलने स्वयं उनके घर जाते हैं , क्योंकि शनिदेव मकर राशि के स्वामी हैं।