जमुई / सोनो संवाददाता चंद्रदेव बरनवाल की रिपोर्ट
मैं 2004 से लगभग तीन साल उनका बॉडी गार्ड रहा एसपीजी में पीएम की सुरक्षा का सबसे अंदरुनी घेरा होता है । क्लोज प्रोटेक्शन टीम जिसका नेतृत्व करने का अवसर मुझे मिला था।
एआईजी सीपीटी वो व्यक्ति है जो पीएम से कभी भी दूर नहीं रह सकता । यदि एक ही बॉडी गार्ड रह सकता है तो साथ यह बंदा होगा ।
ऐसे में उनके साथ उनकी परछाई की तरह साथ रहने की जिम्मेदारी थी मेरी । डॉ साहब की अपनी एक ही कार थी मारुति 800 जो पीएम हाउस में चमचमाती काली बीएमडब्ल्यू के पीछे खड़ी रहती थी।
मनमोहन सिंह बार-बार मुझे कहते असीम मुझे इस कार में चलना पसंद नहीं मेरी गड्डी तो यह है ( मारुति ) मैं समझाता कि सर यह गाड़ी आपके ऐश्वर्य के लिए नहीं है।
इसके सिक्योरिटी फीचर्स ऐसे हैं जिसके लिए एसपीजी ने इसे लिया है । लेकिन जब कारकेड मारुति के सामने से निकलता तो वे हमेशा मन भर उसे देखते ।
जैसे संकल्प दोहरा रहे हों कि मैं मिडिल क्लास व्यक्ति हूं और आम आदमी की चिंता करना मेरा काम है । करोड़ों की गाड़ी पीएम की है , मेरी तो यह मारुति है ।
योगी सरकार में एक भारतीय राजनितिज्ञ तथा वर्तमान उपी सरकार में समाज कल्याण व अनुसुचित जाति तथा अनुसुचित जन जाति के कल्याण मंत्री असीम अरुण एनएसजी से ब्लैक कैट कमांडो की ट्रेनिंग लेने वाले पहले आईपीएस अधिकारी 2004 में बने ।
उन्होंने टिहरी गढ़वाल , बलरामपुर , हाथरस , सिद्धार्थनगर , अलीगढ़ , गोरखपुर व आगरा जिलों में पुलिस प्रमुख के तौर पर अहम जिम्मेदारी संभाली । उनकी आखिरी तैनाती पुलिस कमिश्नर कानपुर के पद पर रही ।