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मधुरम फाउंडेशन द्वारा ‘सुरक्षित नन्हें कदम अभियान का शुभारंभ

जमुई / सोनो संवाददाता चंद्रदेव बरनवाल की रिपोर्ट 

मधुरम फाउंडेशन ने सुरक्षित नन्हें कदम अभियान का शुभारंभ करते हुए बाल सुरक्षा पर केंद्रित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया ।

इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करना और बच्चों के समग्र विकास में समुदाय की भूमिका को सुदृढ़ करना था ।

कार्यशाला में 42 वालंटियर्स का बेसलाइन मूल्यांकन किया गया। जिसमें समुदाय और स्वयं के विकास से संबंधित मुद्दों पर गहन चर्चा की गई । विशेष रूप से बाल विवाह पर वालंटियर्स की क्षमता वृद्धि के लिए प्रशिक्षण दिया गया ।

जिला प्रतिनिधि उदय कुमार ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण ( NFHS ) के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए बताया कि बाल विवाह की प्रचलित दर में वर्षों के दौरान गिरावट आई है ।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह आंकड़े सकारात्मक हैं , लेकिन शेखपुरा जिले में अभी भी बाल विवाह के मामले सामने आ रहे हैं , जो बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।

कौशल जी ने बताया कि विभिन्न स्थानों पर विशेषकर गोद भराई कार्यक्रम के दौरान , बाल विवाह के मामले देखे जा रहे हैं । यह बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है ।

उन्होंने कहा कि बाल विवाह का उन्मूलन के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक है । कार्यशाला में बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 और पोक्सो एक्ट अधिनियम 2012 जैसे कानूनों की जानकारी दी गई ।

बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत लड़कियों के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष और लड़कों के लिए 21 वर्ष निर्धारित है ।

उल्लंघन करने वालों के लिए दंड का प्रावधान है । पोक्सो एक्ट अधिनियम के तहत नाबालिगों के साथ यौन संबंध को कानूनी बलात्कार माना गया है ।

कार्यशाला के अंत में वालंटियर्स को उनके पंचायतों में मुखिया और बाल सुरक्षा समितियों के साथ मिलकर समुदाय को जागरूक करने और बाल विवाह रोकने के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई ।

बाल विवाह के दुष्परिणामों और कानूनी प्रावधानों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए वीडियो सामग्री भी साझा की गई ।

कार्यशाला के दौरान यह संदेश दिया गया कि बाल विवाह जैसी कुप्रथा को समाप्त करना केवल कानून से संभव नहीं है बल्कि यह समुदाय के सामूहिक प्रयास से ही पूरी तरह समाप्त किया जा सकता है ।

सुरक्षित नन्हें कदम अभियान बाल सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जो बच्चों को एक उज्जवल भविष्य प्रदान करने की दिशा में अग्रसर है ।

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