
मुखिया प्रताड़ित शाकद्वीपी ब्राह्मण परिवार को कानूनी सहायता प्रदान करेगा मग धर्म संसद:- गिरीन्द्र मोहन मिश्र
रोहतास संवाददाता चारोधाम मिश्रा की रिपोर्ट
सासाराम ( रोहतास): मग धर्म संसद के राष्ट्रीय संयोजक गिरीन्द्र मोहन मिश्र ने कहा है कि झारखण्ड के गिरिडीह जिला के अंतर्गत बगोदर के तिरला गाँव के मुखिया के द्वारा एक शाकद्वीपी ब्राह्मण परिवार को सामाजिक बहिष्कार का जारी फ़रमान के खिलाफ़ मग धर्म संसद भारत के विभिन्न न्यायालय में उस मुखिया के खिलाफ़ मुकदमा दायर करेगा. इस मुकदमा में न्यायविद् और वकीलों का एक अच्छा खासा फौज़ होगा।
इसमें लखनऊ से न्यायविद् श्री विजय प्रकाश मिश्र, लखनऊ हाई कोर्ट के वकील आलोक कुमार मिश्र, पूर्णियाँ से सुशील कुमार मिश्र, समस्तीपुर से हितेंद्र मोहन मिश्र, हाजीपुर से जितेन्द्र कुमार मिश्र, मोतीहारी से दुर्गादत्त पांडेय, छाया मिश्र –
पटना हाई कोर्ट, प्रवीण कुमार शर्मा – राँची हाई कोर्ट, वीरेन्द्र मिश्र – कड़कड़धुम्म डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, नई दिल्ली, शुभम् कुमार पाठक- सुप्रीम कोर्ट व दीगर के द्वारा मुकदमा दर्ज़ किया जाएगा।
मग धर्म संसद के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि मुकदमा का मसौदा होगा उस मुखिया के खिलाफ़ ज़मीन हड़प, मानसिक प्रताड़ना, सामाजिक बहिष्कार जैसे फ़रमान का अवैधानिक कृत्य, पेठिया से आय का हड़प, धमकी के अलाबे अन्य वज़ह.
विदित हो कि तिरला गाँव के मुखिया उक्त शाकद्वीपी ब्राह्मण की ज़मीन पर लगने वाला ग्रामीण बाज़ार यानी हाट, पेठिया का रुपया अपने शागिर्दों के द्वारा वसूली करवाता है और खुद के पास रख लेता है. मुखिया की कुदृष्टि उस शाकद्वीपी ब्राह्मण की व्यक्तिगत ज़मीन पर पड़ी हुई है.
गिरीन्द्र मोहन मिश्र ने धार्मिक लहज़े में यथार्थ को व्यक्त करते हुए कहा कि हम शाकद्वीपी ब्राह्मण सूर्यअंशी हैं. जो भी सूर्य की ओर मुख कर सूर्य पर थूकेगा तो सर्वप्रथम थूकने वाले का आँख चौँधिया जाएगा तत्पश्चात् फेंका हुआ थूक फेंकने वाले के मुख पर ही पड़ेगा।
अच्छा करने पर, अच्छा के लिए आशीर्वाद देते हैं जो फलीभूत होता है लेकिन बुरा करने पर श्राप भी देते हैं।
गिरीन्द्र मोहन मिश्र ने कहा कि हमारे पास गिरीन्द्र भारती जैसे पत्रकार भी है जो एस.पी. को बर्दी वाला गुंडा लिखा था तो उस एस.पी. को बचाने वाले महान न्यायविद भी है जिनका सदैव विजय ही हुआ है और एक बड़े राज्य के मुख्य मंत्री के बहुत करीबी हैं।
हम शाकद्वीपी ब्राह्मण शांत प्रवृति के होते हैं और सदैव जन सरोकार, जन कल्याण में लगे रहते हैं। लेकिन कोई छेड़ता है तो उसे छोड़ते भी नहीं हैं।. हम सभी न्यायप्रिय होते हैं और भारतीय न्यायिक व्यवस्था पर पूर्ण आस्था रखते हैं।