
संस्कार और संस्कृति के बिना शिक्षा का कोई महत्व नहीं: – जीयर स्वामी जी महाराज
रोहतास दावथ संवाददाता चारोधाम मिश्रा की रिपोर्ट
दावथ (रोहतास) चातुर्मास्य व्रत स्थल परमानपुर में भारत के महान मनीषी संत श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने कहा कि वैसी शिक्षा जिसमें संस्कार संस्कृति सभ्यता नहीं है। उसका कोई विशेष महत्व नहीं है।
वर्तमान समय पर प्रकाश डालते हुए स्वामी जी ने कहा कि आज शिक्षा तो प्राप्त की जा रही है। लेकिन उस शिक्षा में बच्चों और बच्चियों को संस्कार संस्कृति के बारे में ज्ञान माता-पिता के द्वारा नहीं दी जा रही है।
आज के समय में लोग अपने बच्चों को एडवांस बना रहे हैं। एक उदाहरण देते हुए स्वामी जी ने कहा की आज की पीढ़ी फटे हुए जींस शर्ट टी-शर्ट पहन रहे हैं। जिसको अब एडवांस कहा जा रहा है।
आज के एडवांस युग में मानव से ज्यादा तो एडवांस पशु है। जो कपड़ा ही नहीं पहनते हैं। यह कैसी शिक्षा है, जो हमें अपने संस्कार संस्कृति मानवीय सिद्धांत से दूर कर रही है। हर एक माता-पिता को चाहिए अपने बच्चों में शिक्षा के साथ संस्कार भी डालें।
मानव जीवन में उच्च शिक्षा तो होना चाहिए। लेकिन उसके साथ-साथ माता-पिता, परिवार, समाज के सामने रहन-सहन कपड़ा भोजन व्यवहार और सामाजिक ज्ञान की भी शिक्षा होनी चाहिए।




















