
औरंगाबाद के साहित्यकार को थाईलैंड में मिला डॉक्टरेट की मानद उपाधि
औरंगाबाद: जिले के नबीनगर प्रखंड अंतर्गत जयहिंद तेंदुआ ग्राम निवासी सुविख्यात साहित्यकार डॉ. अभिषेक कुमार को बैंकॉक, थाईलैंड में आयोजित ‘बुद्धा अंतर्राष्ट्रीय सम्मान समारोह’ में मानवता में डॉक्टरेट की मानद उपाधि से विभूषित किया गया।
यह सम्मान उन्हें सरकारी दायित्वों के साथ-साथ साहित्य, समाज सेवा और मानवीय मूल्यों के प्रति उनके असाधारण उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया गया है।
डॉ. कुमार ने मानवता के क्षेत्र में एक नई अलख जगाई है। उनके द्वारा स्थापित ‘दिव्य प्रेरक कहानियाँ मानवता अनुसंधान केंद्र’ विश्व का एकमात्र ऐसा शोध संस्थान है जो मानवता से संबंधित व्यवहारिक जगत के सैकड़ों विषयों पर अनुसंधान कराता है। इस अनूठे संस्थान में अब तक सौ से अधिक शोधार्थी पंजीकृत हो चुके हैं, जो सामाजिक और नैतिक विकास हेतु नवाचार और शोध कर रहे हैं।
यह प्रतिष्ठित उपाधि उन्हें महामहिम राजा जनरल ग्रैंड मास्टर प्रोफेसर दातो सेरी (थाईलैंड), डॉ. सुमपंद रथफट्टाया डीएससी (थाईलैंड), मलेशिया के एचआईआरएच एचई महाराजा पंगेरन ड्यूक प्रिंस राडेन मास नगाबी, थाईलैंड सरकार पुलिस समिति के अध्यक्ष के सलाहकार पोल. लेफ्टिनेंट कर्नल डॉ. मोनरुडी सोमार्ट, बौद्ध धर्म गुरु विसीयन तथा धराधाम अंतर्राष्ट्रीय प्रमुख मानद कुलपति प्रो. डॉ. सौरभ पाण्डेय जी महाराज द्वारा प्रदान की गई।
इस गौरवपूर्ण उपलब्धि से डॉ. अभिषेक कुमार के शुभचिंतकों और प्रशंसकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। डॉ. अभिषेक के माता-पिता ने इस अवसर पर कहा, “हमारे बेटे ने विदेश में भारत का नाम रोशन किया है, हमें ऐसे सुपुत्र पर गर्व है।”
इस भव्य समारोह में थाईलैंड, भारत और अन्य देशों से विशिष्ट अतिथियों, धार्मिक नेताओं, अंतरराष्ट्रीय विद्वानों एवं सांस्कृतिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें फ्रा अचन विचैन, सुनील दुबे, पवन मिश्रा, सुशील धनुका, डॉ. प्रेम प्रकाश, शांतनु पाल और कीर्तन त्रिपाठी प्रमुख थे।
यह सम्मान डॉ. अभिषेक कुमार के अथक प्रयासों और समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जो निःसंदेह दूसरों को भी प्रेरित करेगा। डॉ. कुमार बिहार सहित देश का गौरव हैं।




















