[wpdts-weekday-name] [wpdts-day]/ [wpdts-month]/ [wpdts-year] 

कुण्डवा चैनपुर SSB के सब इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार के नेतृत्व में हुआ “बॉर्डर यूनिटी रन” का आयोजनGM छत्रसाल सिंह ने बख्तियारपुर, राजगीर, तिलैया, कोडरम, धनबाद, रेलखंडों का किया विंडो निरीक्षण।आपूर्ति पदाधिकारी का स्थानांतरण होने पर की गई विदाई सह सम्मान समारोहचालक सिपाही परीक्षा में फर्जी मजिस्ट्रेट बनकर सेंटर में घुसे सॉल्वर गैंग, एक परीक्षार्थी समेत चार गिरफ्तारदानापुर मंडल में नवंबर माह के टिकट जाँच अभियान में TTE, DY CIT, CIT ने रचा इतिहास, 43 करोड़ से भी ज्यादा का राजस्व रेल को दिया।जमुई चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के नव निर्वाचित पदाधिकारियों, सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह में…..रेल भवन के लिए रेल आंदोलन के सूत्रधार मुख्य संयोजक मनोज सिंह यादव से डीएम अभिलाषा शर्मा के द्वारा भेजा अनुरोध पत्र बुनियादी साक्षरता परीक्षा हर्षोल्लास से हुई संपन्नचंदौली मुख्यालय में दिनदहाड़े स्नैचिंग की वारदात, राहगीर के गले से सोने का लॉकेट छीनकर भाग रहे चोर को भीड़ ने दबोचाशिक्षक मणिनाथ पाठक सिर्फ शिक्षक नहीं थे बल्कि वे समाज के एक कुशल नैतिक मार्गदर्शक भी थे: शिक्षकगण
उत्‍तर प्रदेशटॉप न्यूज़देशभाषाराज्य

अब OPD में आने वाले मरीजों की अस्पताल में ही बनेगी आभा आईडी, CMO ऐसे पूरा कराएंगे टारगेट

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. वाई.के. राय ने बताया कि चंदौली की लगभग 24.50 लाख आबादी को डिजिटल स्वास्थ्य पहचान प्रणाली से जोड़ने का लक्ष्य है।

CHC-PHC समेत सभी सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था लागू

रोजाना देनी होगी जिम्मेदार लोगों को अपनी रिपोर्ट

डिजिटल स्वास्थ्य पहचान पत्र के लिए CMO ने बनायी नयी रणनीति

चंदौली जिले में अब जिले के मरीजों को आभा आईडी (डिजिटल स्वास्थ्य पहचान पत्र) बनवाने के लिए अलग-अलग केंद्रों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश जारी किया है कि जनपद के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों जैसे जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी और शहरी पीएचसी—में ओपीडी पर आने वाले हर मरीज की वहीं आभा आईडी बनाई जाएगी।

इस संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. वाई.के. राय ने बताया कि चंदौली की लगभग 24.50 लाख आबादी को डिजिटल स्वास्थ्य पहचान प्रणाली से जोड़ने का लक्ष्य है। इसके लिए सभी स्वास्थ्य इकाइयों को निर्देशित किया गया है कि ओपीडी में पंजीकरण के दौरान ही मरीज की आभा आईडी बनाई जाए। इसके साथ ही जननी सुरक्षा योजना की लाभार्थियों की आभा आईडी भी प्रसव केंद्रों पर अनिवार्य रूप से तैयार कराई जाएगी।

इस प्रकार रोजाना देनी होगी रिपोर्ट
प्रत्येक सीएचसी और पीएचसी से रोजाना यह रिपोर्ट ली जाएगी कि कितने मरीजों की आभा आईडी बनाई गई। निगरानी के लिए “आभा आईडी एवं ई-संजीवनी” नाम से एक वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है, जिसमें बीसीपीएम को प्रतिदिन रिपोर्ट भेजनी होगी।

क्या है आभा आईडी?
यह 14 अंकों की एक यूनिक डिजिटल पहचान संख्या होती है, जिसे मरीज अपने मोबाइल पर भी सक्रिय कर सकते हैं। इसके माध्यम से व्यक्ति की मेडिकल रिपोर्ट, दवाएं, पर्चियां, ब्लड ग्रुप और उपचार से जुड़ी जानकारियां ऑनलाइन उपलब्ध रहती हैं। डॉक्टर इस आईडी के जरिए मरीज के पिछले इलाज को देखकर आगे की चिकित्सा कर सकेंगे।

मरीजों को होंगे ये लाभ:
हर बार रिपोर्ट या पर्ची लाने की जरूरत नहीं,पुराने इलाज का रिकॉर्ड डॉक्टर के सामने,इलाज की प्रक्रिया अधिक आसान और पारदर्शी,सरकारी योजनाओं से जोड़ने में सहूलियत होगी।

स्वास्थ्य विभाग की यह पहल आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों तक पहुंचाने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।

 

Check Also
Close